नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अरावली क्षेत्र में अवैध खनन के मुद्दे पर राजस्थान सरकार से शुक्रवार को कहा कि ‘हमें आप अपने खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए मजबूर न करें।’ दरअसल, राजस्थान सरकार ने अरावली क्षेत्र में अवैध खनन की हकीकत का जमीनी सबूत जुटाने के लिए और समय की मांग की है।
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि उसके आदेश को पूरा करने में संबंधित अधिकारियों द्वारा निष्क्रियता बरती जा रही है। न्यायालय ने राजस्थान में झुनझुनु जिले के मोडा पहाड़ क्षेत्र में खनन को नियंत्रित कर दिया है और अधिकारियों को खुदाई के सभी कार्य रोकने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता वाली एक पीठ ने राजस्थान सरकार से खनन के क्रियाशील पट्टों का सभी प्रासंगिक ब्योरा और पर्यावरण को नुकसान पुहंचाने के जिम्मेदार लोगों के नाम 15 फरवरी तक पेश करने को कहा है।
न्यायालय में मौजूद मुख्य सचिव से न्यायालय ने कहा, ‘‘ हमें आप अपने खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए मजबूर न करें। न्यायालय ने जैसा निर्देश दिया था, आपने काम पूरा नहीं किया। इससे पहले आप ने कहा था कि जमीनी सबूत जुटाने का काम तीन महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। संबंधित अधिकारियों द्वारा इस मामले में निष्क्रियता बरती गई है। यह कार्य चार मार्च तक पूरा होना चाहिए, नहीं तो हम इस मामले में अवमानना के लिए मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराएंगे।”