नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बसपा सुप्रीमो मायावती से कहा है कि स्मारक, अपनी मूर्तियां और हाथी की प्रतिमाएं बनाने पर जो जनता का पैसा खर्च हुआ है, उसको जनता को वापस लौटाएं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि “प्रथम दृष्टया बीएसपी नेता मायावती को उनकी प्रतिमाओं और हाथियों पर खर्च किए गए सभी सार्वजनिक धन का भुगतान करना है”. सुप्रीम कोर्ट ने एक पुरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बात कही लेकिन अंतिम आदेश आना बाकी है.
CJI रंजन गोगोई की अगुआई में SC की बेंच ने कहा, “यह हमारा विचार है कि मैडम मायावती, इन हाथियों के लिए खर्च की गई सरकारी राशि की प्रतिपूर्ति करें.” इसके साथ ही कोर्ट ने कहा, ‘‘हमारे विचार में मायावती को अपनी और चुनाव चिह्न की मूर्तियां बनवाने पर खर्च हुआ सार्वजनिक धन सरकारी खजाने में वापस जमा करना होगा.’’ हालांकि पीठ ने यह स्पष्ट किया कि यह अभी संभावित विचार है क्योंकि मामले की सुनवाई में कुछ वक्त लगेगा. अब सुप्रीम कोर्ट 2 अप्रैल को हाथी की मूर्तियों पर खर्च की गई धनराशि की जनहित याचिका की अंतिम सुनवाई करेगा.
2009 में दायर हुई याचिका
न्यायालय एक वकील की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया था कि सार्वजनिक धन का प्रयोग अपनी मूर्तियां बनवाने और राजनीतिक दल का प्रचार करने के लिए नहीं किया जा सकता. याचिका 2009 में दायर हुई थी जिसमें मायावती पर हाथियों की मूर्तियों और मायावती व कांशीराम की मूर्तियों के निर्माण पर 2600 करोड़ रूपये करने का आरोप है.