नई दिल्ली। सीबीआई के नवनिर्वाचित निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने सोमवार को जांच एजेंसी प्रमुख का पदभार संभाला. भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1983 बैच के अधिकारी शुक्ला ऐसे समय में सीबीआई का कार्यभार संभाल रहे हैं जब एजेंसी तथाकोलकाता पुलिस के बीच विवाद राजनीतिक रूप ले चुका है और केन्द्र तथा पश्चिम बंगाल सरकारें एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं.
सीबीआई के प्रवक्ता नितिन वाकणकर ने बताया कि आईपीएस आर के शुक्ला ने सोमवार सुबह सीबीआई निदेशक का पद संभाला. मध्य प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी और खुफिया विभाग के अनुभवी अधिकारी शुक्ला के पूर्ण निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने से एजेंसी के कामकाज में स्थिरता आने की संभावना है.
Delhi: Rishi Kumar Shukla takes charge as the Director of Central Bureau of Investigation (CBI). pic.twitter.com/9cM1gQK2kE
— ANI (@ANI) February 4, 2019
एजेंसी पहले ही पोंजी घोटाला मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार की कार्रवाई को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला कर चुकी है.सीबीआई के अंतरिम प्रमुख एम. नागेश्वर राव की स्थिति कुछ अजीबो-गरीब हो गई और वह पश्चिम बंगाल पुलिस की इस कार्रवाई का तत्काल जवाब नहीं दे सके.
पश्चिम बंगाल में ना सिर्फ सीबीआई टीम को हिरासत में लिया गया बल्कि साल्ट लेक के सीजीओ परिसर स्थित एजेंसी के कार्यालय की भी घेराबंदी कर ली गई. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केन्द्र की कथित मनमानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस कदम से हुए उनके (ममता के) अपमान के खिलाफ रविवार शाम धरने पर बैठ गईं थीं.
सीबीआई का एक दल शारदा और रोज वैली घोटाला मामलों में अचानक कोलकाता पुलिस प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके घर पहंची, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ी. पश्चिम बंगाल पुलिस ने सीबीआई के दल को दरवाजे पर ही रोक दिया और बाद में उन्हें थाने ले गई.
राज्य पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि एजेंसी के अधिकारियों के पास कोई वारंट नहीं था. बनर्जी के एक करीबी सहयोगी से उनके आवास पर हाल ही में पूछताछ की गई थी. आम चुनावों के मद्देनजर जांच में तेजी कर दी गई है.