नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन के बाद शिवसेना ने बीजेपी के साथ तल्ख रिश्तों में नरमी लाने का संकेत दिया है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने सोमवार को सांसदों के साथ बैठक के बाद कहा कि हम बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं लेकिन महाराष्ट्र में हम बड़े भाई हैं, हमेशा रहेंगे और उसी नाते राज्य और देश की राजनीति करेंगे. राउत के इस बयान पर बीजेपी की प्रतिक्रिया सामने आई है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम गठबंधन चाहते हैं लेकिन असहाय नहीं हैं.
फडणवीस ने कहा, “हम राष्ट्र के विकास के लिए गठबंधन चाहते हैं. हम देश को लूटने वालों को सत्ता में आने का मौका नहीं देना चाहते. हम गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बीजेपीअसहाय नहीं हैं. बीजेपी ने 2 से लेकर 200 विधायकों का सफर तय किया है.”
उधर, शिवसेना के साथ गठबंधन के सवाल पर बीजेपी के एक अन्य नेता व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि थोड़ा इंतजार कीजिए. लोकसभा चुनाव के कुछ ही महीने शेष होने के बीच बीजेपी ने शिवसेना के साथ तल्ख रिश्तों के बावजूद गठबंधन के द्वार खोले रखे हैं. शिवसेना के साथ गठबंधन के बारे में एक सवाल के जवाब में बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि शिवसेना एनडीए का हिस्सा है और सरकार में भी शामिल है. उन्होंने कहा, “हमने 2014 का लोकसभा चुनाव साथ में मिलकर लड़ा था. हम महाराष्ट्र में सरकार में सहयोगी हैं और राष्ट्रीय स्तर पर भी सरकार में हैं.”
जावड़ेकर ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना मिलकर चुनाव लड़ी थी. तब बीजेपी 26 सीटों पर और शिवसेना 22 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी थी. इस गठबंधन ने 48 में से 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी नेता ने कहा, “इस साल (लोकसभा चुनाव 2019) के बारे में थोड़ा इंतजार कीजिए.”
लंबे समय के साझेदार बीजेपी और शिवसेना में 2014 तक यह समझ थी कि बीजेपी राज्य में लोकसभा की ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ती थी और शिवसेना महाराष्ट्र विधानसभा की ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ती थी. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में हालांकि यह गठबंधन खत्म हो गया जब बीजेपी ने मजबूत मोदी लहर पर सवार होकर अकेले महाराष्ट्र में चुनाव लड़ी और 122 सीटों पर जीत हासिल की जबकि शिवसेना को महज 63 सीटों पर जीत मिली. वहीं, मुंबई में शिवसेना ने सोमवार को कहा कि वह महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ गठबंधन में हमेशा ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रहेगी और बीजेपी की तरफ से इस आशय का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.