नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा से जुड़े एक मामले के सह-आरोपी गौतम खेतान को धन शोधन के आरोपों में दो दिन की हिरासत में भेजा है. एजेंसी के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. पेशेवर वकील खेतान को शुक्रवार रात गिरफ्तार किया गया और शनिवार को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया.
इस गिरफ्तारी से एक सप्ताह पहले आयकर विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र स्थित खेतान के कार्यालयों और अन्य संपत्तियों पर छापे मारे थे. यह पता चला है कि वित्तीय जांच एजेंसी ने यूपीए के कार्यकाल के दौरान अगस्तावेस्टलैंड के अलावा अन्य रक्षा सौदों में कथित तौर पर दलाली पाने के मामले में वकील के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर लिए हैं.
ईडी ने कहा कि पूरी कार्यप्रणाली को वकील ‘नियंत्रित’ कर रहा था और पैसे को इधर से उधर भेजने के लिए वही जिम्मेदार था. वह अपने कनेक्शन और ग्राहकों का दुरुपयोग करता था, जिसमें से कई कनेक्शन उसे अपने पिता से विरासत में प्राप्त हुए थे और रकम को दुबई, मॉरीशस, सिंगापुर, ट्यूनीशिया, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन और भारत स्थित कई खातों में इधर से उधर कर धन शोधन करता था.
सूत्र ने बताया कि दिनगनी बांडा ने आईडीएस ट्यूनीशिया से 2,50,000 यूरो प्राप्त किए थे. इसी कंपनी ने अगस्तावेस्टलैंड घोटाले में धनशोधन का काम किया था. कहा जा रहा है कि खेतान ने हेनरी बांडा की केन्या में एक संपत्ति खरीदने के लिए सेशेल्स में कंपनियों की मदद से यह काम किया.
ईडी के साथ ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में खेतान का नाम अपने अलग-अलग आरोप-पत्र में शामिल किया है. खेतान को अगस्तावेस्टलैंड सौदे में कथित संलिप्ता को लेकर पहले साल 2014 के सितंबर में गिरफ्तार किया गया था.
उसे जनवरी 2015 में जमानत मिली थी. लेकिन सीबीआई ने उसे इसी मामले के अन्य आरोपी संजीव त्यागी के साथ नौ दिसंबर, 2016 को दोबारा गिरफ्तार कर लिया. हालांकि बाद में उसे जमानत मिल गई. सीबीआई के आरोप-पत्र में अगस्तावेस्टलैंड सौदे के पीछे खेतान का दिमाग बताया गया है.