नई दिल्ली। कर्नाटक में 2 निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने का बाद मचा सियासी घमासान थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस खेमे में मचे सियासी घमासान के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदुरप्पा ने पार्टी के सभी विधायकों को बेंगलुरु वापस आने के लिए कहा है. इसी के साथ कर्नाटक की सियासत के नाटक का फिलहाल अंत माना जा रहा है. कर्नाटक में ड्रामे की शुरुआत से ही बीजेपी के सभी विधायक गुरुग्राम के एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए थे.
गुरुग्राम हैं कई विधायक
बता दें कि निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी के कई विधायक एनसीआर के गुरुग्राम में रह रहे थे. येदुरप्पा के बेंगलुरु वापस बुलाए जाने के पीछे कहा जा रहा है कि यह किसी सियासी गठजोड़ हो सकता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि येदुरप्पा बेंगलुरु में रविवार को विधायकों के साथ बैठक कर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
कांग्रेस-जेडीएस को चिंता की आवश्यकता नहीं- येदुरप्पा
कर्नाटक के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि गुरुग्राम में मौजूद हमारे सभी विधायक बेंगलुरु लौट रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम राज्य का दौरा करेंगे और सूखे की स्थिति का विश्लेषण करेंगे. हम किसी भी कीमत पर इस सरकार को अस्थिर नहीं करेंगे. कांग्रेस और जेडीएस को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे 4 विधायक
इससे पहले शुक्रवार को कर्नाटक में सत्तारुढ़ गठबंधन में दरार उजागर करते हुए चार नाराज कांग्रेसी विधायक यहां पार्टी विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में शामिल नहीं हुए. यह बैठक भाजपा द्वारा कथित तौर पर एच डी कुमारस्वामी सरकार को हटाने के लिए की जा रही कोशिशों के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा था.
सत्ता पर पड़ेगा असर!
आंकड़ों के लिहाज से चार विधायकों की गैरमौजूदगी से सात महीने पुरानी कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है लेकिन इससे यह संकेत मिलता है कि अब भी असंतोष झेल रही कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है. सीएलपी नेता सिद्धरमैया ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि कांग्रेस अनुपस्थित विधायकों रमेश जारकीहोली, बी नगेंद्र, उमेश जाधव और महेश कुमाताहल्ली को नोटिस जारी करेगी. हाल ही में कैबिनेट फेरबदल में मंत्रीपद से हटाए जाने के बाद से जारकीहोली बेहद नाखुश थे.