लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह अपने भतीजे आकाश को बसपा में शामिल करेंगी. मायावती ने कहा कि भविष्य में आकाश आनंद को बसपा में बहुत कुछ सीखने का अवसर दिया जाएगा.
बसपा प्रमुख ने लखनऊ में एक इमरजेंसी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर सीबीआई और आयकर विभाग के दुरुपयोग का आरोप लगाया. मायावती ने कहा कि सीबीआई और आईटी जानबूझकर उन्हें और आकाश आनंद को निशाना बना रहे हैं.
मायावती ने कहा, ‘लेकिन इससे हम पीछे नहीं हटेंगे और जोरदार जवाब देंगे. अब मैं आश्वस्त कर देना चाहती हूं कि मेरा भतीजा आकाश पार्टी की सभी गतिविधियों में हिस्सा लेगा.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं कांशी राम की शिष्या हूं. इसलिए जैसे को तैसा जवाब देने के लिए आकाश आनंद को बसपा के आंदोलन में शामिल करूंगी. अगर कुछ जातिवादी और दलित विरोध मीडिया के धड़े को इससे परेशानी है, तो हो. मेरी पार्टी इसकी परवाह नहीं करेगी.’
बसपा प्रमुख ने कहा कि बीएसपी का दिनोदिन बढ़ना और समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ उसका गठबंधन कुछ पार्टियों और दलित विरोधी, जातिवादी लोगों को रास नहीं आ रहा. हमारे खिलाफ सिद्धांतों की लड़ाई न लड़कर ऐसी पार्टियां और लोग अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं. कुछ दलित विरोधी, जातिवादी चैनल भी हमारे खिलाफ साजिश रच रहे हैं.
बुधवार को मायावती ने अपना 63वां जन्मदिवस मनाया. इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उन्हें बधाई देने उनके आवास पर पहुंचे. मायावती ने पत्रकारों से कहा कि बसपा और सपा कार्यकर्ताओं से यही अपील है कि वह अपने गिले-शिकवे भुला कर चुनाव की तैयारी में जुट जाएं और मुझे जीत का तोहफा दें. मायावती ने इस मौके पर कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा, “जिन राज्यों में कांग्रेस ने कर्जमाफी के वादे किए थे, वहां से अब शिकायतें आने लगी हैं. एक बार देश के सारे किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाना चाहिए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता से लागू किया जाना चाहिए, तभी किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान निकलेगा, वरना किसान आत्महत्या करते रहेंगे.”
#WATCH: BSP chief Mayawati's message to media "Hum dabbu (timid) kism ke log nahi hain jo sun kar baith jaenge, ghabra jaenge. Uska muhtod jawab dena bhi hamein aata hai…" pic.twitter.com/BOy04f64CL
— ANI (@ANI) January 17, 2019
पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्हों कहा, “सिर्फ दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने से किसानों को कोई फायदा मिलने वाला नहीं है. किसान 70 प्रतिशत कर्ज साहूकारों से लेते हैं. इस कर्ज को माफ करने की कोई नीति नहीं है.” उन्होंने आगे कहा, “अब उनकी वादा खिलाफी चुनावी मुद्दा बन रहा है. कालाधन वापस लाना, 15-15 लाख रुपये लोगों को उनके खाते में दे देना. ऐसे वादे किए ही क्यों जाते हैं, जो पूरे नहीं हो सकते.”
मायावती ने कहा, “मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में लोगों ने तो भाजपा को सबक सिखाया है. अब बारी उत्तर प्रदेश की है. समाजवादी पार्टी के लोगों से अपील है कि पुराने गिले-शिकवे भूलने के साथ ही विरोधी पार्टियों के हथकंडों से सचेत होकर गठबंधन उम्मीदवारों को जिताएं. उत्तर प्रदेश ही देश की राजनीति की दिशा व दशा तय करता है. यहीं से प्रधानमंत्री भी तय होता है.”