लखनऊ। खनन घोटाले में आइएएस अधिकारी चंद्रकला के यहां सीबीआई छापों के बाद अब सपा सरकार में मलाईदार पदों पर रहे पूर्व आइएएस अधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह पर भी शिकंजा कसेगा। आवास विभाग ने सत्येंद्र के खिलाफ की गई सभी शिकायतों और उनसे संबंधित जांच का ब्योरा तीन दिन के अंदर एलडीए से तलब किया है। आवास विभाग के अनुसचिव मनीष चंद्र श्रीवास्तव की ओर से एक चिट्ठी सोमवार को एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह को भेजी गई। इसमें शासन के 16 अक्टूबर 2018 को भेजे गए पत्र का संदर्भ दिया गया है।
ढाई साल तक वीसी और डीएम लखनऊ रहे सत्येंद्र सिंह दो बार एलडीए के वीसी और अपने दोनों कार्यकाल के बीच लखनऊ के डीएम रहे। पहली बार 24 दिसंबर 2014 से 30 सितंबर 2015 और दूसरी बार 22 दिसंबर 2016 से 18 अप्रैल 2017 तक उनका कार्यकाल रहा। सत्येंद्र सिंह 31 दिसंबर 2018 को सेवानिवृत्त हुए। उनकी आखिरी पोस्टिंग बतौर सचिव राष्ट्रीय एकीकरण थी। लविप्रा के उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने बताया कि आवास विभाग से एक पत्र आया है। इसमें पूर्व वीसी सत्येंद्र कुमार सिंह के खिलाफ शिकायतों से संबंधित रिपोर्ट शासन ने मांगी है। हम अपनी रिपोर्ट देंगे।
सत्येंद्र पर लगे प्रमुख आरोप
- गोमती नगर विस्तार में 25 करोड़ रुपये के सौ प्लॉटों का अवैध तरीके से समायोजन। जानकीपुरम, कानपुर रोड और गोमती नगर योजना में भी दर्जनों भूखंडों का अवैध समायोजन
- गोमती नगर विस्तार सेक्टर-एक की प्राइम लोकेशन में सुलभ के 50 फ्लैटों का अवैध तरीके से आवंटन
- कानपुर रोड और शारदा नगर योजना में रिहायशी अपार्टमेंट की चार योजनाओं को व्यावसायिक भू उपयोग की जमीन पर बनवा दिया गया। इससे इनकी कीमत बहुत बढ़ गई। ये बिक नहीं रहे हैं। इसमें ठेकेदारों को लाभ दिया गया
- रसूखदारों के भूखंडों का लैंडयूज बदलने के लिए हर संभव प्रयास किए। इसमें कई तरह की आपत्तियों को खारिज कर दिया गया
- अपने खुद के घर में बैंक, एटीएम और बड़े मोबाइल टॉवर के अवैध निर्माण को लेकर भी सत्येंद्र कुमार सिंह काफी चर्चा में रहे थे।