लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में मंगलवार एक बड़ा दिन साबित हुआ. मायावती ने जहां अपने जन्मदिन पर प्रेस कान्फ्रेंस करके कांग्रेस और बीजेपी पर जमकर हमला बोला. वहीं, अखिलेश यादव जन्मदिन की शुभकामनाएं देने मायावती के घर बधाई देने पहुंचे. सवा घंटे दोनों नेताओं के बीच सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों पर माथापच्ची चली. इसके बाद अखिलेश यादव बाहर निकले और बिना कुछ बोले वहां से निकल गए.
बता दें कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने दो दिन पहले ही कांग्रेस को अलग रहकर गठबंधन का ऐलान किया था. सपा-बसपा ने सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बनाया है. इसके अलावा 2 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी हैं और बाकी दो सीटें अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने की निर्णय किया है.
सपा अध्यक्ष मंगलवार को मायावती के 63वें जन्मदिन पर बधाई देने उनके आवास पर पहुंचे थे. इस दौरान अखिलेश के साथ राज्यसभा सदस्य व कारोबारी संजय सेठ और पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी थे. बसपा और सपा के बीच हुए गठबंधन में संजय सेठ की प्रमुख भूमिका बताई जा रही है.
अखिलेश यादव और मायावती के बीच करीब सवा घंटे मीटिंग चली. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच सूबे की सीटों की पहचान और उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा हुई. सूत्रों की मानें तो सूबे की ज्यादातर सीटों पर अखिलेश और मायावती के बीत सहमति बन चुकी है. दोनों नेताओं ने ज्यादातर समय वन-टू-वन बात की. इस दौरान उनके पास कोई दूसरा नेता मौजूद नहीं था.
सूत्रों की मानें तो सूबे के सभी मंडलों की किसी न किसी सीट से दोनों पार्टियां अपने उम्मीदवार उतारेंगी. इसका मतलब यह हुआ कि दोनों में से कोई भी पार्टी किसी भी मंडल से खुद को पूरी तरह दूर नहीं रखना चाहती है. हालांकि, यह तय है कि पश्चिम यूपी की ज्यादातर सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी और दोआबा क्षेत्र में अधिकतर सीटों पर सपा ताल ठोंकेगी. इसके अलावा सूबे में अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित 17 लोकसभा सीटों में से ज्यादातर सीटें बसपा के खाते में जाएंगी.
सूत्रों के मुताबिक इटावा, मैनपुरी, कन्नौज और फिरोजबाद इलाका की ज्यादातर सीटों पर सपा उम्मीदवार होंगे. ये इलाका सपा का मजबूत गढ़ माना जाता है. वहीं, मेरठ, सहारनपुर, बुलंदशहर, अलीगढ़, नोएडा जैसी सीटें बसपा को मिलना तय मानी जा रही है. इसके अलावा बलिया, देवरिया गोरखपुर, कुशीनगर सीटें सपा को मिलने की संभावना है.
मायावती ने अपने जन्मदिन पर सपा-बसपा कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश दिया है. उन्होंने दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि आपसी मनमुटाव भुलाकर एक हो जाएं और हमारे जन्मदिन पर सबसे बड़ा तोहफा लोकसभा चुनाव में जीत दिलवा कर दें.
मायावती अपने आपको गठबंधन के नेता के तौर पर आगे रख रही है. इसका नजारा उस समय आज फिर देखने को मिला, जब अखिलेश यादव बसपा अध्यक्ष मायावती को जन्मदिन की बधाई देने उनके घर पहुंचे थे. अखिलेश का स्वागत उन्होंने गेट पर नहीं किया बल्कि सपा अध्यक्ष उतरकर घर के अंदर गए. इसके बाद मायावती ने उन्हें वहां गुलदस्ता भेंट किया. इसके बाद दोनों नेताओं ने लॉन में आकर फोटो खिंचवाया.
मायावती के साथ साए की तरह इन दिनों उनके भतीजे आकाश आनंद नजर आ रहे हैं. गठबंधन के ऐलान से लेकर बसपा अध्यक्ष के जन्मदिन पर आकाश मायावती के साथ दिख रहे हैं. अखिलेश यादव मंगलवार को जब उनके घर जन्मदिन पर बधाई देने पहुंचे थे और उनके साथ बातचीत कर रहे थे. उस समय भी आकाश वहीं मौजूद थे.