‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के प्रोमो और फिल्म की रिलीज पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने अर्ज़ी को खारिज कर दिया था. याचिका में आरोप लगाया है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की साख को नुकसान पहुंचाने के लिए फ़िल्म में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल पर बनी विवादित फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता का इस मामले में कोई ‘लोकस’ नहीं. दिल्ली की फैशन डिजाइनर ने याचिका दायर की थी.
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है और इसमें निजी हित शामिल हैं. याचिकाकर्ता पूजा महाजन ने आरोप लगाया था कि सिनेमेटोग्राफ कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग किया जा रहा है. फिल्म निर्माता ने ट्रेलर जारी कर दिया है, जिससे प्रधानमंत्री पद की छवि को नुकसान पहुंचा है तथा इसकी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हो रही है.
फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू कि किताब ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पर आधारित है. ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ में मनमोहन सिंह के किरदार में अनुपम खेर और संजय बारू के किरदार में अक्षय खन्ना हैं. फिल्म इसी शुक्रवार (11 जनवरी) को रिलीज होगी. वकील मैत्री ने कहा कि फिल्म के निर्माताओं ने कलाकारों द्वारा मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी की जिंदगी, उनके तौर-तरीकों और आवाज को प्रस्तुत करने को लेकर इन तीनों से कोई सहमति नहीं ली.