नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार की उस याचिका पर विचार करने पर सहमति जता दी जिसमें एंग्लो-इतालवी फर्म अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा शुरू की गई मध्यस्थता की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई है. अगस्ता वेस्टलैंड ने भारतीय वायु सेना को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति का ठेका रद्द किये जाने पर मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू की थी.
केंद्र ने कहा कि मध्यस्थता की कार्यवाही जारी नहीं रह सकती क्योंकि अगस्ता वेस्टलैंड के खिलाफ कई आपराधिक मामले लंबित हैं और हाल में ब्रिटिश नागरिक और कथित बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को दुबई से प्रत्यर्पित करके लाया गया है और वह तिहाड़ जेल में बंद है.
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने रक्षा मंत्रालय की याचिका पर अगस्ता वेस्टलैंड को नोटिस जारी किया और कंपनी से तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा. हाईकोर्ट ने कहा कि इस चरण में व्यादेश (इनजंक्शन) नहीं दिया जा सकता क्योंकि उसने मध्यस्थता के रिकॉर्ड नहीं देखे हैं और मध्यस्थता अधिकरण के किसी भी आदेश को उसके समक्ष नहीं रखा गया है.
मामले की अगली सुनवाई की तारीख 28 फरवरी को निर्धारित की गई है. अगस्ता वेस्टलैंड ने भारतीय वायु सेना को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिये अनुबंध में शामिल मध्यस्थता के प्रावधान का उस वक्त इस्तेमाल किया था जब 2014 में सौदे को रद्द कर दिया गया था. मध्यस्थता की कार्यवाही प्रोफेसर विलियम डब्ल्यू पार्क, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी एन श्रीकृष्णा और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी पी जीवन रेड्डी के समक्ष लंबित है.