शिवसेना से गठबंधन पर अमित शाह की दो टूक, महाराष्ट्र में कुछ खोकर नहीं होगा गठबंधन

नई दिल्ली। बीजेपी ने आने वाले लोकसभा को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के सांसदो की मीटिंग दिल्ली में बुलाई थी. इस मिटींग में शिवसेना के साथ गठबंधन होगा या नही इस बीजेपी सांसद के सवाल पर अमित शाह ने अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी है. कुछ भी खोकर गठबंधन नही होगा. यह बात अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांसदों के सामने रख दी है.

दरअसल तीन राज्यों में हारने के बाद बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव को लेकर मीटिंग लेने का सिलसिला शुरू कर दिया है. दिल्ली के नए महाराष्ट्र सदन में अमित शाह ने मीटिंग ली. इस मीटिंग में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, कॉमर्स मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर, गृहराजमंत्री हंसराज अहिर, रक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे मौजूद थे.

हमारे सूत्र ने बताया कि इस मीटिंग में महाराष्ट्र के अहमदनगर के सांसद दिलीप गांधी ने शिवसेना के साथ गठबंधन होगा या नहीं यह सवाल अमित शाह से पुछा. इस पर कहा गया कि आप सभी अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में काम करो. विधानसभा में शिवसेना के साथ हमारा गठबंधन टूट गया. तब हमने तैयारी की और सबसे ज्यादा सीटें लेकर सत्ता में आ गए. ऐसी ही तैयारी इस बार करनी है. शिवसेना के साथ चर्चा शुरू है, लेकिन कुछ खोकर गठबंधन नही करेंगे’ यह स्पष्ट कर दिया! इसका मतलब शिवसेना ने ज्यादा सीटें मांगी तो उनके दबाव के झुकेंगे नहीं. खुद के बलबूते चुनाव लड़ने की तैयारी करने के लिए अमित शाह ने सभी सांसदों को संकेत दिए हैं.

दरअसल मौजूदा स्थिति में शिवसेना के पास 18 सांसद हैं. बीजेपी के पास 23 सांसद हैं. रामविलास पासवान के पार्टी के सांसद कम होने के बावजूद अच्छी मिनिस्ट्री दी गई है. शिवसेना के सांसद ज्यादा होने के बावजूद केंद्र सरकार में सिर्फ एक ही मिनिस्ट्री है. यही बात शिवसेना को खल गई है. उसके साथ ही 2014 में विधानसभा चुनाव के वक्त बीजेपी ने गठबंधन तोड़ा, लेकिन ठीकरा शिवसेना के माथे पर फोड़ दिया. तभी से शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों में खटास आ गई. लेकिन अब 3 राज्यों के नतीजों के बाद शिवसेना बीजेपी पर हावी होने का प्रयास कर रही है.

इसलिए बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मीटिंग लेकर सभी सांसदों को प्रोग्राम दिया है. अपने चुनाव क्षेत्र के सभी कार्यकर्ताओं को भोजन पर बुलाकर उनकी समस्या क्या है यह जान लेने का आदेश अमित शाह ने दिया है. इसके लिए 25 जनवरी की डेडलाइन दी है. कार्यकर्ताओं की समस्या सुनकर उसपर काम करने का भी आदेश दिया गया है.

लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी तैयारी तो कर रही है, लेकिन शिवसेना साथ में नही होने का नुकसान बीजेपी के सांसदों में होगा. इसलिए बीजेपी सांसदों में भी नाराजगी दिखाई दे रही है. अमित शाह के बयान के बाद शिवसेना दो कदम पीछे जाएगी क्या और गठबंधन होगा क्या यह देखना दिलचस्प रहेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *