नई दिल्ली। मेघालय के जयंतिया हिल्स जिले में कोयला खदान में फंसे मजदूरों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.मजदूरों को बचाने के लिए और कारगर कदम उठाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज (3 जनवरी) को सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि आखिर अब तक मजदूरों को क्यों नहीं बचाया जा सका है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार से कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों के बचाव अभियान के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी.
आपको बता दें कि करीब 15 खनिक 13 दिसंबर को एक कोयला खदान में फंस गए थे. खदान में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम के 70 अधिकारी मौजूद हैं. एनडीआरएफ ने स्थानीय प्रशासन से कम से कम दस 100-एचपी पंप की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया. एनडीआरएफ के अधिकारियों का कहना है कि 14 दिन में केवल खदान में फंसे लोगों के 3 हेलमेट ही मिल पाए हैं. लगभग 300 फीट खदान में फंसे लोगों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है.
गौरतलब है कि अवैध रूप से कोयला निकालने गए 15 लोग पिछले 13 दिसंबर से खदान में फंसे हैं. 13 दिसंबर को कुल 20 लोग खदान में घुसे थे, जिसमें पांच बाहर आने में सफल रहे.सारे लोग खदान में संकरी सुरंगों से घुसे.स्थानीय लोगों के अनुसार खदान में घुसे लोगों में से किसी ने गलती से नदी से नजदीक वाली दीवार तोड़ दी जिससे सुरंग में पानी भर गया.