मंत्री अनाप-शनाप बयानबाजी न करें: सीएम योगी आदित्यनाथ

UP Politics, yogi adityanath, ashiesh patel,अपना दल कमेरावादी की नेता और सिराथू सीट से विधायक पल्लवी पटेल के साथ यूपी सरकार के मंत्री आशीष पटेल का विवाद यूपी की सियासत में काफी गरमाया हुआ है। इस बीच आज उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। इसमें सीएम योगी ने उन्हें ज्यादा बयानबाजी न करने की सलाह दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ ने आशीष पटेल से आधे घंटे की मुलाकात की, जिसमें उन्हें आशीष पटेल ने पूरे विवाद पर सफाई दी। सीएम योगी ने कहा है कि मंत्री अनाप-शनाप बयानबाजी न करें। इसके बाद मंत्री दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं, जहां उनकी मुलाकात बीजेपी की टॉप लीडरशिप से हो सकती है।

दरअसल, प्राविधिक शिक्षा विभाग में कथित प्रोन्नति घोटाले को लेकर चर्चा के बीच आशीष पटेल सीएम आवास पहुंचे थे। यहां पर सीएम योगी से मुलाकात हुई। मुख्यमंत्री ने पहले पूरा प्रकरण समझा और उसके बाद मंत्री को सलाह दी कि वे इन सारे मामलों पर ज्यादा बयानबाजी न करें।

जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद आशीष पटेल काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं। सरकार की तरफ से उन पर लग रहे आरोपों पर जल्द ही स्थिति स्पष्ट की जा सकती है।

BJP के केंद्रीय नेतृत्व ने की अनुप्रिया से बात

बता दें कि कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल लगातार UP STF और अफसरों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। BJP के केंद्रीय नेतृत्व ने आशीष पटेल और अनुप्रिया पटेल की बयानबाजी पर नाराजगी जाहिर की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार को पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह ने अनुप्रिया पटेल से फोन पर बात की थी। इस दौरान संयम बरतने और अनावश्यक बयानबाजी ना करने की सलाह दी थी।

एक तरफ जहां बीजेपी आशीष पटेल से नाराज है, तो दूसरी ओर मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि कुछ वैसा ही हाल संघ का भी है। इसे लेकर यूपी के संघ पदाधिकारियों ने बीजेपी के केंद्रीय नेताओं से बातचीत की थी। इस दौरान कहा गया कि यूपी में राष्ट्रवाद को लेकर अच्छा माहौल है। सहयोगी दलों की ऐसी बयानबाजी से मुद्दे भटक जाते हैं।

क्या है पूरा विवाद?

पल्लवी पटेल और आशीष पटेल के बीच विवाद की बात करें तो पल्लवी ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर पदोन्नति में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा रही है। उन्हों इस मुद्दे को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उठाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने पूरे प्रकरण को मीडिया के सामने रखा। इसके साथ ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के बाद जांच के लिए SIT का गठन करने की मांग की।

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