हल्द्वानी हिसा में मचे उपद्रव के बाद शहर में गुरुवार रात से कर्फ्यू लगा दिया गया था। जिसके चलते रात नौ बजे से लेकर शुक्रवार दिनभर पूरा शहर डर के साये में रहा। खासतौर पर वनभूलपुरा लाइन नंबर एक से 17 तक सबसे अधिक सन्नाटा पसरा रहा। शहरभर में लॉकडाउन जैसे हालत थे।
शासन-प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों की आवाजाही दिनभर रही। सबसे अधिक बैठकें थाना वनभूलपुरा में हुईं। शहर के हर चौक-चौराहे पर पुलिस का पहरा लगा रहा। तिरंगा चौराहा (छतरी चौराहा) से चोरगलिया रोड की तरफ वाहनों और लोगों की आवाजाही पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रही।
पुलिस ने प्रत्येक व्यक्ति का आधार और अन्य पहचान पत्र चेक किया, इसी के बाद ही कहीं आने-जाने की छूट दी गई। हल्द्वानी के हिंसा वाली जगह पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। शहरभर में भी पुलिस हाई अलर्ट मोड पर रही।
कर्फ्यू के चलते शहर का सबसे व्यस्ततम चौराहा मुखानी दिनभर खाली रहा। चौराहे पर दो से तीन पुलिसकर्मी ड्यूटी पर लगाए गए थे। सुबह आठ बजे से ही मुखानी चौराहे से कालूसिद्ध मंदिर की तरफ सड़क के बाईं ओर वाहनों का संचालन बंद रखा गया। कालाढूंगी या अन्य क्षेत्रों से आने वाले वाहनों को विवेकानंद अस्पताल वाली रोड से गुजारा गया। हालांकि वाहनों की संख्या न के बराबर दिखी।
तिकोनिया से रोडवेज की तरफ भी पाबंदी
पहाड़ या रानीबाग, काठगोदाम से आने वाले सभी वाहनों को तिकोनिया से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। वर्कशॉप लाइन में भी वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया था। कई लोगों ने अपने वाहन रेलवे क्रॉसिंग होते हुए राजपुरा से निकालने की कोशिश की मगर, पुलिसकर्मियों ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया।
कर्फ्यू की घोषणा करते हुए प्रशासन ने कहा था कि शुक्रवार को केवल आवश्यक सेवाओं से संबंधित दुकानें ही खुली रहेंगी। मेडिकल स्टोर, किराना स्टोर की गिनी चुनी दुकानें ही खुली दिखाई दी। वहीं, ठेले आदि न चलने से लोगों को सब्जियां तक नसीब नहीं हुईं।