लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने दूसरा मास्टर स्ट्रोक तैयार रखा है. लोकसभा चुनाव की घोषणा के बहुत पहले संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), 2019 के नियमों को अधिसूचित किए जाने की योजना सरकार बना रही है. बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार सीएए कानून लागू करने का बहुत पहले से ही ऐलान कर चुकी है और अब लोकसभा चुनाव के पहले इसे अधिसूचित किया जाएगा.
बता दें कि कई पार्टियों के विरोध के बावजूद संसद ने दिसंबर 2019 में संबंधित विधेयक को पारित किया है. बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन उसके बाद सीएए के खिलाफ देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. विरोध प्रदर्शन के दौरान या पुलिस कार्रवाई में 100 से अधिक लोगों की जान गई थी.
लोकसभा चुनाव के पहले लागू होगा सीएए
आला अधिकारी का कहना है कि केंद्र सरकार जल्द ही सीएए के नियम जारी करने की योजना बनाई है. नियम जारी होने के बाद से सीएए कानून लागू होगा और जो इसके योग्य हैं, उन्हें नागरिकता दी जाएगी. बता दें कि विधेयक पारित होने के बावजूद पिछले चाल सालों से लागू नहीं हो पाया है, क्योंकि कानून लागू करने के लिए नियम जरूरी होते हैं.
बता दें कि देश में लोकसभा चुनाव के अप्रैल-मई में होने के आसार हैं. संभावना है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले ही सीएए को अधिसूचित कर दिया जाएगा. इसके लिए नियम तैयार कर लिए गय़ए हैं और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पूरी प्रक्रिया पूरी करनी होगी. जो भी पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान से भारत में आये हैं. उन्हें उस तारीख का जिक्र करना होगा, हालांकि उनसे इस बाबत कोई दस्तावेज की मांग नहीं की जाएगी.
सीएए को लेकर मचा था बवाल
बता दें कि कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता है. क्योंकि सीएए अब देश का कानून बन गया है. उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर लोगों को गुमराह का आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला था.
कोलकाता में आयोजित सभा के दौरान अमित शाह ने कहा था कि सीएए लागू होगा और यह बीजेपी की प्रतिबद्धता है. बता दें कि ममता बनर्जी लगातार सीएए का विरोध कर रही है और दावा किया है कि बंगाल में सीएए लागू नहीं किया जाएगा. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में बीजेपी ने सीएए को ही मुद्दा बनाया था, हालांकि ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया था और बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया था.