ज्ञानवापी मामले में महिला याचिकाकर्ताओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल की गई है। याचिका में मांग की गई है कि कथित शिवलिंग वाली सील की हुई जगह की साफ-सफाई करवाई जाए। याचिका में कहा गया है कि सील किए गए कथित शिवलिंग वाली जगह पर साफ-सफाई के लिए जिलाधिकारी वाराणसी को निर्देशित किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि कोर्ट एक उचित आदेश पारित करे ताकि दो पक्षों के बीच शांति बनी रहे।
मछलियां मरने की वजह से दुर्गंध आने का दावा
याचिका में दावा किया गया है कि चूंकि वहां शिवलिंग मौजूद है जो हिंदुओं के लिए पवित्र है। शिवलिंग के आस-पास गंदगी न हो इसके लिए उचित व्यवस्था की जाए। यह भी दावा किया है कि मौके पर बहुत दिन से साफ-सफाई नहीं की गई है। पानी की टंकी में मछलियाँ मर गई हैं। इसकी वजह से कारण दुर्गंध आ रही है।
सर्वेक्षण की सील बंद रिपोर्ट पर बुधवार को सुनवाई
वहीं, वाराणसी की जिला अदालत में ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की सील बंद रिपोर्ट का लिफाफा खोलने और पक्षकारों को सर्वेक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराने के मामले पर तीन जनवरी यानी बुधवार को सुनवाई होगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने गत 18 दिसंबर को जिला अदालत में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे की रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में पेश की थी। यह सर्वे 17वीं शताब्दी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण वहां पहले से ही मौजूद मंदिर को तोड़कर किये जाने के याचिकाकर्ताओं के दावे के बाद अदालत के आदेश पर कराया गया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं।
मुस्लिम पक्ष ने की है ये मांग
अदालत ने सीलबंद रिपोर्ट खोलने और उसकी प्रतियां दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सौंपने के लिए 21 दिसंबर की तारीख तय की थी। मुस्लिम पक्ष ने उस दिन कोर्ट से सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने की अपील की थी। ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण जिला अदालत के गत 21 जुलाई के आदेश पर किया गया था जिसमें मस्जिद के गुंबदों, तहखानों और पश्चिमी दीवार के नीचे सर्वेक्षण की आवश्यकता का उल्लेख किया गया था। इसमें कहा गया था कि एएसआई को इमारत की उम्र और प्रकृति का निर्धारण करने के लिए कुर्सी और खंभों की भी जांच करनी चाहिए।