ISRO ने ‘आदित्य L1’ के सफल लॉन्च के बाद एक और अच्छी खबर दी है। इसके सोलर पैनल को एक्टिवेट कर दिया गया है। सीधे शब्दों में कहें तो ‘आदित्य L1’ ने सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर के बिजली बनानी शुरू कर दी है। सौर ऊर्जा पैदा करने के लिए जो सोलर प्लेट्स लगाए गए हैं, वो ठीक तरह से काम कर रहे हैं। अब रविवार (3 सितंबर, 2023) को दोपहर के 11:45 बजे पहली अर्थबाउंड फायरिंग की जाएगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने सोशल मीडिया के माध्यम से ये जानकारी दी है।
बता दें कि PSLV-C57/Aditya-L1 का सफल लॉन्च शनिवार (2 सितंबर, 2023) को पूरा हुआ। बता दें कि इस मिशन को PSLV-C57 रॉकेट का इस्तेमाल कर के लॉन्च किया गया है। जिस ऑर्बिट में इसे स्थापित किया जाना था, रॉकेट ने ठीक उसी तय बिंदु पर इसे स्थापित कर दिया है। इसके साथ ही सूर्य के अध्ययन के लिए भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन सफलतापूर्वक L1 पॉइंट (पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित वो बिंदु, जहाँ सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल संतुलन में रहता है) के लिए निकल गया है।
PSLV-C57/Aditya-L1 Mission:
The launch of Aditya-L1 by PSLV-C57 is accomplished successfully.
The vehicle has placed the satellite precisely into its intended orbit.
India’s first solar observatory has begun its journey to the destination of Sun-Earth L1 point.
— ISRO (@isro) September 2, 2023
उधर ‘चंद्रयान 3’ को लेकर भी बड़ी खबर आई है। ISRO ने जानकारी दी है कि चाँद पर ‘प्रज्ञान’ रोवर ने 100 मीटर की यात्रा कर ली है और ये अभी भी जारी है। जहाँ पर ‘विक्रम’ लैंडर स्थित है, उस जगह को ‘शिवशक्ति पॉइंट’ नाम दिया गया है। वहाँ से कुछ दूर आगे चलने के बाद ‘प्रज्ञान’ मुड़ गया और फिर दिशा बदल कर दूसरी तरफ बढ़ने लगा। ‘प्रज्ञान’ सबसे पहले पश्चिम की तरफ चला, फिर अब वो उत्तर दिशा में मुड़ कर आगे बढ़ रहा है। ISRO लगातार इस संबंध में ताज़ा सूचना दे रहा है।
Chandrayaan-3 Mission:
🏏Pragyan 100*
Meanwhile, over the Moon, Pragan Rover has traversed over 100 meters and continuing. pic.twitter.com/J1jR3rP6CZ
— ISRO (@isro) September 2, 2023
ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने ‘आदित्य L1’ मिशन को ‘बहुत अनोखा’ करार दिया है। उन्होंने वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब PSLV का ऊपरी हिस्सा प्राइमरी सैटेलाइट को इंजेक्ट करने के लिए 2 बार ‘बर्न सीक्वेंस’ से गुजर रहा है। ये कुल 127 दिन की यात्रा होने वाली है, जिसके बाद ‘आदित्य L1’ सूर्य का अध्ययन करना शुरू करेगा और धरती पर डेटा भेजेगा। ISRO प्रमुख ने ये भी बताया कि एक-दो दिनों में चाँद पर ‘विक्रम’ और ‘प्रज्ञान’ को सुला दिया जाएगा, क्योंकि इन्होंने ‘लूनर नाइट (चाँद की रात, 14 दिन)’ में अपना काम कर लिया है।