नेहरूवादी नहीं आडवाणीवादी बनिए; राघव चड्ढा ने सरकार को दी सलाह; क्यों याद किया BJP का संघर्ष

नेहरूवादी नहीं आडवाणीवादी बनिए; राघव चड्ढा ने सरकार को दी सलाह; क्यों याद किया BJP का संघर्षनई दिल्ली। दिल्ली नौकरशाहों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 पर लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी पक्ष और विपक्ष में धारदार बहस हुई। संवैधानिक प्रावधानों से लेकर राजनीतिक घटनाक्रमों तक का हवाला देकर एक दूसरे को गलत साबित करने की कोशिश की गई। आम आदमी पार्टी की तरफ से सांसद राघव चड्ढा ने मोर्चा संभाला और सभी सांसदों से पार्टी लाइन से ऊपर उठकर इस बिल को रोकने की अपील की। उन्होंने भाजपा की ओर से पूर्व में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए किए गए संघर्ष का भी विस्तार से जिक्र किया। साथी ही ‘सुपारी जैसी छोटी पार्टी’ कहे जाने पर गृहमंत्री अमित शाह को जवाब दिया।

‘आप’ सांसद ने लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री की ओर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का हवाला दिए का भी जिक्र किया और सलाह दी कि वह नेहरू की नहीं आडवाणी की बात मानें। उन्होंने कहा, ‘मैंने सुना कि लोकसभा में गृहमंत्री ने कहा कि नेहरू ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का विरोध किया था। मैं कहता हूं कि आप नेहरूवादी मत बनिए, आडवाणीवादी और वाजपेयीवादी बनिए और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दीजिए। पिछले 25 साल में छह विधानसभा चुनाव दिल्ली में हुए हैं।’ राघव ने कहा कि भाजपा को आडवाणी जी की इच्छा पूरी करते हुए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देना चाहिए। उन्होंने बिल को सुप्रीम कोर्ट का अपमान बताया और कहा कि संवैधानिक बेंच के फैसले को 8 दिन में पलकर संदेश दिया गया कि ये सर्वोच्च अदालत को भी नहीं मानते।

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