लखनऊ। सड़क पर नमाज पढ़ने से ना सिर्फ आम लोगों को भारी परेशानी होती है, बल्कि कानून-व्यवस्था की चुनौती भी खड़ी हो जाती है। अब बकरीद को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुलिस प्रशासन ने मुस्लिमों से सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने की चेतावनी दी है। सड़क पर ईद की नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ प्रशासन मामला दर्ज करेगा।
ईद उल अजहा को देखते हुए पुलिस ने बुधवार (28 जून 2023) को मेरठ के सभी मस्जिदों पर प्रशासन का आदेश चस्पा किया है। आदेश में कहा गया है कि ईदगाह या मस्जिदों के बाहर नमाज अदा की गई तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ तत्काल रिपोर्ट दर्ज की जाएगी और उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इसको लेकर मस्जिदों के मौलवियों का कहना है कि सरकार का जो आदेश है, उससे सभी लोगों को अवगत करा दिया गया है। उन्हें इसका पालन करना चाहिए। वहीं-वहीं, मेरठ शहर के अलग-अलग मस्जिद के मौलवियों, शहर के काजी सहित अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से सरकार के आदेश का पालन करने के लिए कहा है।
इससे पहले देवबंद स्थित दारुल उलूम मदरसा ने भी मुस्लिमों से अपील करते हुए कहा था, “हमारे बड़े बुजुर्गों ने हमेशा प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से मना किया है। इसलिए हर मुस्लिम इसका ख्याल रखें और प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से दूर रहे।” खुले में और सड़कों पर कुर्बानी नहीं करने के लिए भी कहा।
अमेठी पुलिस लाउडस्पीकर के जरिए मुस्लिम समाज के लोगों और मौलवियों से अपील कर रही है कि नमाज किसी भी हालत में सार्वजनिक स्थानों पर नहीं होनी चाहिए। नमाज पर मस्जिदों या किसी परिसर में पढ़ने के लिए कहा गया है। सुरक्षा को देखते हुए अमेठी पुलिस को एक कंपनी PAC और 100 रिक्रूट एसआई दिए गए हैं।
बताते चलें कि मेरठ में हिंदूवादी नेता सचिन सिरोही ने ऐलान किया है कि यदि बकरीद के दिन सड़क पर नमाज अता की गई तो वे हिंदूवादी कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर बैठक हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ। इसको देखते हुए भी प्रशासन सतर्क हो गया है। गुुरुवार (29 जनवरी 2023) को देश भर में बकरीद मनाया जाएगा।
वहीं, भोपाल में सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ने की हिदायत दी गई है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि कुर्बानी का वीडियो सोशल मीडिया पर ना डालें। इसको लेकर मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने एक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि गैर-जरूरी तौर पर सड़कों पर नमाज अता न की जाए।