नई दिल्ली। तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए गुजरात सरकार ने हाई कोर्ट में कहा है कि वह एक नेता के लिए टूल के तौर पर काम कर रही थीं। यही नहीं गुजरात सरकार की ओर से दावा किया गया है कि तीस्ता सीतलवाड़ को यदि बेल मिली तो फिर वह सबूतों को नष्ट कर सकती हैं। इसके अलावा गुजरात सरकार के वकील मितेश अमीन ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ पर केस भी सबूतों से छेड़छाड़ करने और उसके आधार पर प्रोपेगेंडा चलाने का ही चल रहा है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल से 30 लाख रुपये की रकम तीस्ता सीतलवाड़ को मिली थी।
गुजरात सरकार की ओर से बनाई गई एसआईटी के दावे का भी जिक्र अदालत में हुआ। एसआईटी ने कहा था कि उसने अपनी जांच में सबूत हासिल किए हैं, जिससे पता चलता है कि तीस्ता सीतलवाड़ एक राजनीतिक पार्टी के नेता से आर्थिक मदद मिली थी। इससे पहले इन्हीं आधारों पर गुजरात सरकार ने सेशन कोर्ट में भी सीतलवाड़ की बेल का विरोध किया था। इस मामले में एक गवाह रईस खान का भी जिक्र वकील ने किया। उन्होंने कहा कि रईस खान ने भी तीस्ता सीतलवाड़ के साजिश का हिस्सा होने का जिक्र किया था।
रईस खान ने अपने बयान कहा था कि अहमदाबाद के सर्किट हाउस में अहमद पटेल और तीस्ता सीतलवाड़ की मुलाकात हुई थी। इस मीटिंग में अहमद पटेल ने तीस्ता सीतलवाड़ से कहा था कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि कुछ लोगों को सजा मिले और वे जेल जाएं। वकील ने रईस खान का बयान पढ़ते हुए कहा कि इस मामले में कुछ पुलिस अधिकारियों की भी भूमिका था। वकील ने रईस खान के अलावा नरेंद्र ब्रह्मभट्ट के बयान का भी जिक्र किया। चार्जशीट में भी तीस्ता सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये मिलने की बात कही गई है।