पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारी कल (14 मार्च 2023) से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे। इससे सरकारी अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, नगर पालिका, अधिकांश सरकारी विभाग ठप हो जाएंगे। इसका असर 10वीं और 12वीं के रिजल्ट पर भी पड़ने की संभावना है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों और राज्य सरकार के बीच आज बैठक हुई लेकिन यह मुलाकात बेनतीजा रही। मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री की बैठक के बाद भी कर्मचारी अपने हड़ताल के रुख पर कायम हैं। कल से राज्य भर के सरकारी और अर्धसरकारी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने के कारण कर्मचारी हड़ताल को लेकर अड़े हैं। हालांकि, यह कहा जाता है कि सरकार एक समिति का गठन करेगी।
नई पेंशन योजना को रद्द कर सभी के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। लंबी सेवा के कारण सभी को समान वेतन देकर अनुबंधित और योजना कर्मचारियों की सेवा को नियमित करें। सभी रिक्तियों को तुरंत भरें। कोरोना के दौरान मृत कर्मचारियों के अधिक उम्र के बच्चों को निर्धारित आयु सीमा में छूट दें। सभी सहायक भत्तों को केंद्र से मंजूरी मिले। चतुर्थक कर्मचारियों के स्वीकृत पदों को निरस्त न करें। शिक्षण-गैर-शिक्षण कर्मचारियों के सेवाकालीन प्रश्नों का तत्काल समाधान करें। सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष करें। नई शिक्षा नीति को खत्म करें। नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों की आर्थिक एवं सेवा संबंधी समस्याओं का तत्काल निस्तारण करें।
पिछड़े वर्ग के कर्मचारियों के वर्तमान में अवरूद्ध स्तर पर पदोन्नति प्रारंभ करें। सराहनीय कार्य के लिए अग्रिम वेतन वृद्धि के भुगतान की कार्यवाही पूर्वव्यापी प्रभाव से प्रारंभ की जाए। इस संबंध में हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए सभी आदेशों का पालन किया जाए। 80 से 100 वर्ष की आयु वर्ग के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार की तरफ से निर्धारित मासिक पेंशन में वृद्धि की जाए। श्रमिक कर्मचारियों के शिक्षकों के अधिकारों को कम करने वाले श्रम कानूनों में नियोक्ता-प्रायोजित परिवर्तनों को निरस्त करें।
14 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
सरकारी कर्मचारी, शिक्षक मांग कर रहे हैं कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को रद्द किया जाए और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू किया जाए। इस मांग को लेकर कर्मचारी मंगलवार 14 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। प्रदेश सरकार के साथ ही अर्धसरकारी, शिक्षक, गैर शिक्षक कर्मचारी, नगर निगम, नगर निगम, नगर परिषद के कर्मचारी भी हड़ताल पर रहेंगे। मुख्य मांग है कि प्रदेश में वर्ष 2005 से सेवा में आए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन यानी परिवार सेवानिवृत्ति योजना लागू की जाए। मौजूदा वक्त में नगर पालिका, नगर पालिका, नगर परिषद आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। जिससे वेतन आयोग, नियमित वेतन और पेंशन समय पर नहीं मिल पाता है। इसलिए उन्होंने यह भी कहा कि मांगें हैं कि जिस तरह से सरकारी कर्मचारियों को वेतन मिलता है उसी तरह कोषागार से मिलने वाली पेंशन को भी लागू किया जाए।
राज्य जूनियर कॉलेज शिक्षक संघ, मुंबई और उपनगरीय माध्यमिक शिक्षक संघ, शिक्षा भारती, महाराष्ट्र शिक्षा सेना, ग्रेटर मुंबई शिक्षक संघ, शिक्षा परिषद, राज्य निजी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ, ये संगठन हड़ताल में भाग लेंगे।