पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार को मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले के बाद शहर में मेडिकल आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई। 150 से ज्यादा लोगों के घायल होने की वजह से शहर के अस्पतालों में खून की भारी कमी हो गई है। अस्पताल प्रशासन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है। इस हमले में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 83 हो गई है।
पुलिस ने माना, सुरक्षा में चूक हुई कैपिटल सिटी पुलिस अफसर मुहम्मद इजाज खान ने कहा, धमाके के समय इलाके में 300 से 400 पुलिस अधिकारी मौजूद थे। यह स्पष्ट है कि सुरक्षा चूक हुई है। हमलावर पुलिस लाइन्स के अंदर चार स्तरीय सुरक्षा वाली मस्जिद में घुसा। पिछले साल मार्च में शहर के कोचा रिसालदार इलाके में एक शिया मस्जिद के अंदर इसी तरह के हमले में 63 लोग मारे गए थे।
टीटीपी ने बदला लेने के लिए धमाका किया
हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है। टीटीपी के मृत कमांडर उमर खालिद के परिजन ने दावा किया, यह हमला अफगानिस्तान में पिछले साल अगस्त में मार दिए गए उसके भाई की मौत का बदला है।
अधिकारियों ने बताया कि एक बजकर करीब 40 मिनट पर पुलिस लाइन्स क्षेत्र के समीप जब नमाजी ज़ुहर (दोपहर) की नमाज पढ़े रहे थे तब अगली पंक्ति में बैठे आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। उनके अनुसार नमाजियों में पुलिस, सेना और बम निष्क्रिय दस्ते के कर्मी थे।
पेशावर के पुलिस अधीक्षक (जांच) शाहजाद कौकब ने मीडिया को बताया कि जब नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में वह दाखिल ही हुए थे तभी यह धमाका हुआ लेकिन सौभाग्य से उनकी जान बच गयी। उनका कार्यालय मस्जिद के समीप ही है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट से मस्जिद का एक हिस्सा ढह गया और माना जाता है कि कई लोग उसके मलबे के नीचे दबे हैं। उनके अनुसार बम हमलावर पुलिस लाइन्स के अंदर, चार स्तरीय सुरक्षा वाली मस्जिद में घुस गया।