नई दिल्ली। यूक्रेन के साथ युद्ध की वजह से कई पश्चिमी देशों से प्रतिबंध झेल रहे रूस ने एक बार फिर अमेरिका पर निशाना साधा है. भारत को एस-400 एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम के सप्लाई मामले में रूस ने कहा है कि अमेरिका की ओर से भारत को प्रतिबंधों में छूट देने से अमेरिका की कमजोरी साफ जाहिर हो रही है.
रूस के फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कॉरपोरेशन ( FSMTC) के प्रमुख अधिकारी दमित्री सुगाएव ने कहा कि पहले जब रूस और भारत के बीच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर डील हो रही थी तो अमेरिका ने इसे प्रतिबंधों का उल्लंघन माना था. आखिर ऐसा क्या हुआ कि अमेरिका ने अपना पक्ष ही बदल लिया. दमित्री ने आगे कहा कि ये तो मुझे नहीं मालूम लेकिन हो सकता है कि इसका कारण अमेरिका की कमजोरी रही हो.
अमेरिका ने तुर्की पर लगाए प्रतिबंध, भारत को छूट
रूस के अधिकारी ने कहा कि रूस से हथियार खरीदने को लेकर अमेरिका की ओर से तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे. लेकिन भारत को इसमें छूट दे दी गई और अमेरिका की ओर से कहा गया कि अभी रूस के लिए भारत की विदेश नीति बदलने में लंबा समय लगेगा.
रूस से दूसरे देशों में जाने वाले आर्म्स एक्सपोर्ट्स पर नजर रखने वाले रूस के अधिकारी सुगादेव ने कहा कि पश्चिमी प्रतिबंध अमेरिका की भेदभाव वाली नीति है. इनका मकसद अन्य स्वतंत्र देशों के संप्रभु अधिकारों का उल्लंघन कर अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करना है.
अमेरिकी सभा ने CAATSA में संशोधन की दी मंजूरी
हाल ही में अमेरिकी संसद ने काटसा एक्ट में संशोधन की मंजूरी दी थी. जिसके तहत इस एक्ट के द्वारा लगाए जाने वाले प्रतिबंधों में भारत को छूट दे दी गई थी. इससे भारत और रूस के बीच हो रही डील पर पश्चिम की ओर से आने वाला भारी दबाव बंद गया था.
क्या है CAATSA एक्ट
CAATSA एक्ट का मतलब है कि काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सिरीज थ्रू सेंक्शन एक्ट. यह कानून अमेरिकी सरकार को खासतौर पर उन देशों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है जो रूस से सुरक्षा उपकरण खरीदते हैं या इसके लिए डील करते हैं. अगर कोई देश ऐसा करता है तो उस पर अमेरिकी सरकार की ओर से कार्रवाई की जा सकती है.
जब रूस के साथ भारत एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डील कर रहा था तो इसी एक्ट के प्रतिबंध भारत पर भी लागू होते थे लेकिन जुलाई में भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने CAATSA एक्ट में संशोधन प्रस्ताव को पेश अमेरिकी सभा में पेश किया था, जिसे सभा की ओर से अनुमति दे दी गई. इस प्रस्ताव से भारत को इस मामले में छूट मिल गई जिसे अब रूस ने अमेरिका की कमजोरी भी बताई है.