लखीमपुर खीरी/लखनऊ। लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत मामले में शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में सुनवाई जारी है. कोर्ट नंबर 16 में जस्टिस कृष्ण पहल सुनवाई करेंगे. किसान पक्ष की तरफ से अधिवक्ता अमर जीत सिंह राखडा, शशांक सिंह, मोहम्मद अमान जमानत का विरोध करेंगे. उधर, आशीष मिश्र के पक्ष में अधिवक्ता बृज मोहन सहाय व सलिल श्रीवास्तव कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे. गौरतलब है कि आशीष की मंजूर जमानत सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को खारिज कर दी था और मामले को वापस उच्च न्यायालय को नये सिरे से सुनवाई के लिए भेज दिया था.
उच्च न्यायालय ने 10 फरवरी को मिश्रा को जमानत दे दी थी. उस वक्त मिश्रा चार महीने से हिरासत में थे. जमानत खारिज होने के बाद आशीष मिश्रा ने अदालत में समर्पण कर दिया था. आशीष मिश्र को जेल की 21 नंबर बैरक में रखा गया है.फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी ने पुष्टि की है कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान आरोपी अंकित दास और आशीष मिश्रा की लाइसेंसी बंदूकों से गोलियां चलाई गई थीं. लखीमपुर पुलिस ने आशीष मिश्रा और अंकित दास के लाइसेंसी हथियार जब्त किए थे.
हिंसा में पत्रकार समेत 8 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में हिंसा के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई थी. यह घटना तब हुई जब केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे. उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे. घटना के बाद गुस्साए किसानों ने चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी. इस हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी. किसानों की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए 13 लोगों में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा भी शामिल है.