प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। यह मासिक रेडियो कार्यक्रम का 90वां एपिसोड रहा। मोदी ने इस दौरान आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा, “क्या आपको पता है कि आपके माता-पिता जब आपकी उम्र के थे तो एक बार उनसे जीवन का भी अधिकार छीन लिया गया था! आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है? ये तो असंभव है। लेकिन मेरे नौजवान साथियो, हमारे देश में एक बार ऐसा हुआ था। ये बरसों पहले 1975 की बात है। जून का वही समय था, जब इमरजेंसी लगाई गई थी।
‘भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया’
प्रधानमंत्री ने कहा, “उस समय भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था। देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस, सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था। सेंसरशिप की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा नहीं जा सकता था। मुझे याद है, तब मशहूर गायक किशोर कुमार जी ने सरकार की वाह-वाही करने से इनकार किया तो उन पर बैन लगा दिया गया। रेडियो पर से उनकी एंट्री ही हटा दी गई।”
पीएम मोदी ने कहा, “मेरे प्यारे देशवासियो, हम में से शायद ही कोई ऐसा हो, जिसने अपने जीवन में आकाश से जुड़ी कल्पनाएं न की हों। बचपन में हर किसी को आकाश के चांद-तारे उनकी कहानियां आकर्षित करती हैं। युवाओं के लिए आकाश छूना, सपनों को साकार करने का पर्याय होता है। आज हमारा भारत जब इतने सारे क्षेत्रों में सफलता का आकाश छू रहा है, तो आकाश, या अन्तरिक्ष, इससे अछूता कैसे रह सकता है! बीते कुछ समय में हमारे देश में स्पेस सेक्टर से जुड़े कई बड़े काम हुए हैं।”
‘मिताली महज एक असाधारण खिलाड़ी नहीं बल्कि...’
उन्होंने कहा, “मैं आज भारत की सर्वाधिक प्रतिभाशाली क्रिकेटरों में एक मिताली राज की भी चर्चा करना चाहूंगा। उन्होंने इसी महीने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है, जिसने कई खेल प्रेमियों को भावुक कर दिया है। मिताली, महज एक असाधारण खिलाड़ी नहीं रही हैं, बल्कि अनेक खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत भी रही हैं। मैं मिताली को उनके भविष्य के लिए ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देता हूं।”