मास्को, रायटर। रूस ने पश्चिमी देशों पर जवाबी प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इन घोषणाओं के तहत रूस पश्चिमी देशों के लिए टेलीकाम, मेडिकल, आटो, कृषि, इलेक्ट्रिकल और टेक्निकल उपकरणों का निर्यात बंद करेगा। साथ ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि पश्चिमी देशों ने मुश्किलें पैदा करने वाली हरकतें बंद नहीं कीं तो दुनिया को उर्वरक की कीमतों में भारी बढ़ोतरी झेलनी पड़ सकती है। विदित हो कि कृषि में उपयोग होने वाले उर्वरक में पड़ने वाले खनिज पदार्थो का रूस सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
पिछले माह के अंत से यूक्रेन में जारी रूसी हमलों के मद्देनजर एकजुट हो पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध समेत कई कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। इसके अलावा अनेकों बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने वहां अपने आपरेशंस को बंद कर दिया है। इनमें कई टेक कंपनियां तो हैं ही मैकडोनाल्ड और कोका कोला भी शामिल हैं।
यूक्रेन को आइएमएफ की मदद
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने अपनी आपात कोष से यूक्रेन के लिए 1.4 अरब डालर (करीब 10,500 करोड़ रुपये) की सहायता स्वीकृत की है। यह सहायता रूसी हमले से यूक्रेन को हुए नुकसान से पैदा हुई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दी गई है। अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने यूक्रेन के लिए 5.3 करोड़ डालर (करीब 405 करोड़ रुपये) की सहायता का एलान किया है।
भारत के साथ रूस की हुई बात
रूस की सरकार ने बयान जारी कर कहा, ‘रूस के ऊर्जा मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बात की और ईंधन और ऊर्जा उद्योग में वर्तमान और संभावित संयुक्त परियोजनाओं पर चर्चा की और कहा कि वर्तमान परियोजनाओं को लगातार लागू किया जा रहा है।’ इसमें यह भी बताया गया है कि शिक्षा में दोनों देशों के बीच सहयोग पर भी चर्चा हुई। इसमें विशेष रूप से भारतीय छात्रों के लिए रूसी विश्वविद्यालयों में पढ़ने के अवसरों के विस्तार का मामला भी था।