‘इस्लाम में वापस आ जाओ’: मुस्लिम कट्टरपंथियों ने एक का गला रेता, दूसरे को सिर में मारी गोली, 4 को ज़िंदा जलाया

इस्लामी कट्टरपंथियों ने केन्या में सीमा पर बसे एक गाँव में 6 लोगों की हत्या कर दी। जहाँ एक का गला रेत डाला गया, वहीं चार को ज़िंदा जला दिया गया। पुलिस ने बताया कि ये घटना सोमालिया से सटे एक गाँव की है। इस घटना के पीछे सोमालिया के ही ‘अल शबाब’ आतंकी समूह को बताया जा रहा है। पिछले एक दशक से ये आतंकी संगठन केन्या में घुस कर नागरिकों को मारता रहा है। लामू काउंटी में हुई इस घटना में पीड़ितों के घरों को भी आतंकियों ने जला दिया।

एक व्यक्ति का गला रेत दिया गया। एक अन्य मृतक के सिर में गोली लगने के जख्म मिले। चार ऐसी लाशें मिली हैं, जिनके हाथ बँधे हुए हैं और उन्हें ज़िंदा जला दिया गया है। उन्हें पहचानना तक मुश्किल हो रहा था। 2011 में केन्या ने ‘अल शबाब’ को दुरुस्त करने के लिए सेना की एक टुकड़ी को भी सोमालिया भेजा था। ये आतंकी संगठन 2013 में नैरोबी स्थित एक शॉपिंग मॉल के अलावा 2015 में उत्तर-पूर्व में स्थित एक विश्वविद्यालय को भी निशाना बना चुका है।

‘अफ्रीकन यूनियन पीसकीपिंग फोर्स’ के अंतर्गत केन्या की सेना अभी भी सोमालिया में मौजूद है। केन्या पुलिस ने इस मामले में 8 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। ये घटना जनवरी महीने की शुरुआत में ही हुई है। जिसे गोली मारी गई, उस व्यक्ति की लाश सड़क के किनारे मिली। जिसका गला रेता गया था, उसके घर को लूट कर आग के हवाले कर दिया गया। हालाँकि, केन्या की पुलिस ने अब तक इस आतंकी संगठन का नाम नहीं लिया है। इस हमले को स्थानीय लोगों के जमीन के विवाद से जोड़ कर भी देखा जा रहा है।

2013 में जो शॉपिंग मॉल हमला हुआ था, उसमें 67 लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी। जनवरी 2020 में ‘अल शबाब’ ने धमकाया था कि केन्या कभी सुरक्षित नहीं रहेगा। पर्यटकों और यहाँ यहाँ वाले अमेरिकी नागरिकों को खास कर के धमकाया गया था। ताज़ा घटना में सारे मृतक ईसाई हैं। लमाउ में एक अमेरिकी बेस पर हमला कर के तीन अमेरिकियों को इस आतंकी संगठन ने मार दिया था। 2014 में केन्या में हुए एक हमले में 100 लोग मार डाले गए थे।

ताज़ा घटना में सबसे पहले एक नारियल तेल विक्रेता का अपहरण किया गया। इसके बाद उनके ही एक पेड़ से उन्हें नीचे गिरा दिया गया। एक व्यक्ति के पास फोन कॉल आया कि ईसाईयों को एक दुकान में कैद कर के रखा गया है। बाद में उस दुकान को भी जला दिया गया। एक अन्य व्यक्ति को आतंकियों ने इस्लाम में वापस आने के लिए धमकाया। ये लोग 7 साल पहले ईसाई बने थे। उसका गला रेत कर घर जला दिया गया। ईसाईयों की संपत्ति को भी नुकसान पहुँचाया गया।