दिल्ली में शराब संकट, 45 दिनों तक बंद रहेंगे शराब की दुकानें, जानिये कारण

Liquor bottles in grocery store

नई दिल्‍ली। राजधानी दिल्ली स्थित शराब की दुकानों का नजारा इन दिनों बदला हुआ है, दुकानों की अलमारियां खाली है, बहुत कम माल मौजूद हैं, आगामी 16 नवंबर से लागू होने वाली नई शराब लाइसेंस नीति की वजह से दिल्ली में लोग अपनी पसंद की शराब पाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं, 16 नवंबर से नई शराब नीति लागू होने की वजह से दिल्ली में सभी निजी शराब की दुकानें 1 अक्टूबर से 16 नवंबर तक बंद रहेगी, जिससे दिल्ली में शराब का संकट पैदा हो सकता है।

दिल्ली में कुल 849 वाइन शॉप

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत 32 क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बोली लगाने वालों को खुदरा शराब बिक्री लाइसेंस पहले ही आवंटित किये जा चुके हैं, जिसमें से प्रत्येक में करीब 10 वार्ड तथा 27 शराब विक्रेता हैं,  वर्तमान में दिल्ली में 849 शराब की दुकानें हैं, जिनमें से 276 निजी रुप से संचालित होती हैं, जबकि बाकी दुकानों का संचालन दिल्ली सरकार की एजेंसियां करती हैं।

प्राइवेट ठेके रहेंगे बंद

इस वजह से 1 अक्टूबर से सिर्फ दिल्ली सरकार द्वारा संचालित शराब की दुकानें खुली रहने वाली है, निजी शराब की दुकानें 16 नवंबर तक बंद होने जा रही है, दिल्ली के 106 निगम वार्डों के लिये ये बुरी खबर है, जिसमें 6 नवंबर तक कोई भी शराब की दुकान नहीं खुलेगी, शहर में करीब 80 वार्ड ऐसे हैं, जहां शराब का ठेका नहीं है। 26 वार्डो में फिलहाल निजी स्वामित्व वाली शराब की दुकानें हैं, जो 1 अक्टूबर से बंद हो जाएगी, 26 नगरपालिका वार्ड जहां सिर्फ निजी शराब की दुकानें है, उनमें आरके पुरम, एंड्रयूज गंज, लाजपत नगर, पटपड़गंज, राजौरी गार्डन, तुगलकाबाद, कोटला मुबारकपुर, इंद्रपुरी, रानी बाग, रोहताश नगर, झिलमिल, तथा पांडव नगर शामिल हैं।

क्या है नई शराब नीति

दिल्ली सरकार ने इस साल जुलाई में अपनी नई शराब नीति सार्वजनिक की, जो शहर में शराब की दुकानों के समान वितरण के लिये जोर डालती है, प्रत्येक नगरपालिका वार्ड में कम से कम दो वातानुकूलित दुकानें, 5 सुपर प्रीमियम स्टोर, तथा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में 10 स्टोर शामिल हैं, नीति में स्पष्ट किया गया कि सरकार को अपने उपक्रमों के माध्यम से शराब बेचने के कारोबार से बाहर हो जाएगी।