महाराष्ट्र की सत्ता में साझीदार ‘राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP)’ के संस्थापक व अध्यक्ष शरद पवार ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों की ये बैठक करीब 50 मिनट तक चली। हालाँकि, बैठक का मुद्दा क्या रहा – ये साफ़ नहीं है। ये सब तब हो रहा है, जब 3 दिन पहले ही शिवसेना सांसद संजय राउत ने शरद पवार को नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रधानमंत्री पद का उपयुक्त उम्मीदवार बताया था।
हाल ही में शिवसेना मुखपत्र ‘सामना’ के एग्जीक्यूटिव एडिटर संजय राउत ने कहा था कि विपक्ष के पास 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के चांस कम ही हैं। उन्होंने बुधवार (14 जून, 2021) को कहा था कि बिना किसी मजबूत चेहरे के नरेंद्र मोदी को हराने में विपक्ष शायद ही सफल हो। उन्होंने कहा था कि फ़िलहाल विपक्ष के पास नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई चेहरा ही नहीं है। उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को मिल-बैठ कर एक चेहरा ढूँढने की सलाह दी थी।
साथ ही संजय राउत ने शरद पवार का नाम सुझाते हुए कहा था कि वरिष्ठ होने के कारण वो 2024 में नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार बनने की काबिलियत रखते हैं। हालाँकि, उन्होंने इस तरह की बात पहली बार नहीं की थी। इससे पहले भी उन्होंने शरद पवार को कॉन्ग्रेस नीत UPA गठबंधन का चेहरा बनाए जाने की वकालत की थी। लेकिन, 3 दिन बाद शरद राव पवार की पीएम मोदी से मुलाकात से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
Rajya Sabha MP Shri Sharad Pawar met PM @narendramodi. @PawarSpeaks pic.twitter.com/INj26CLl0k
— PMO India (@PMOIndia) July 17, 2021
दिलचस्प बात ये भी है कि इस बैठक से पहले पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री शरद पवार ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की थी। राजनाथ ने यूपीए काल में रक्षा मंत्रालय संभालने वाले एके एंटनी और शरद पवार को अफगानिस्तान के साथ-साथ भारत-चीन सीमा की स्थिति पर भी जानकारी दी। इस दौरान डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत और सेना प्रमुख मुकुंद नरवणे भी मौजूद रहे। दोनों पूर्व रक्षा मंत्रियों को भारतीय रुख और कार्रवाई की जानकारी दी गई।
केंद्र में नए सहकारिता मंत्रालय के गठन और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को गृह के साथ-साथ इसकी भी कमान दिए जाने पर भी शरद पवार ने कहा था कि इससे महाराष्ट्र के सहकारिता आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जबकि शिवसेना ने इस फैसले का समर्थन किया था। 25000 करोड़ रुपए के ‘महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (MSCB)’ घोटाला में अजित पवार का नाम भी सामने आया है।