पंजाब के बरनाला में तथाकथित किसानों ने बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल के खेत में घुसकर रोपी हुई फसल को उखाड़कर फेंक दिया। इतना ही नहीं, किसानों ने ट्रैक्टर से जमीन भी जोत डाली। इस दौरान उन्होंने बीजेपी विरोधी नारे भी लगाए। बीजेपी नेता ने पंजाब के डीजीपी से मामले की शिकायत की है।
शुक्रवार (2 जुलाई 2021) को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के झंडे लिए कुछ महिलाओं समेत गुस्साए किसानों ने ग्रेवाल के खेत में घुसकर धान के पौधे उखाड़ दिए और ट्रैक्टर से पूरी 1.5 एकड़ जमीन जोत दी। यूनियन के नेताओं ने दावा किया कि वे केवल उस किसान से बात करने गए थे, जिसने ग्रेवाल की जमीन किराए पर ली थी, लेकिन कुछ नाराज प्रदर्शनकारियों ने पौधों को उखाड़ फेंका। साथ ही केंद्र सरकार और बीजेपी नेता हरजीत सिंह का कड़ा विरोध किया।
#NewsAlert | Farmers uproot farms of a BJP leader in #Barnalla.
Details by Gurpreet. pic.twitter.com/88qLyEe3Eu
— TIMES NOW (@TimesNow) July 3, 2021
एक किसान नेता बलवंत सिंह उपली ने कहा, “हमने किसान से ग्रेवाल की जमीन पर बुआई नहीं करने की अपील की थी। हालाँकि, उन्होंने धान की रोपाई कर दी। आज जब हम बातचीत के लिए गए तो भीड़ ने अचानक पौधे उखाड़ दिए। भाजपा नेता के खिलाफ हमारा कोई व्यक्तिगत प्रतिशोध नहीं है, लेकिन उन्हें किसानों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।”
यूनियन के एक अन्य सदस्य जगसीर सिंह ने कहा, “किसानों ने पहले ही उनकी लगभग पाँच एकड़ जमीन लीज पर लेने से इनकार कर दिया है, लेकिन उन्होंने एक किसान को मुफ्त में जमीन देने की पेशकश की। भाजपा नेता किसानों को बाँटना चाहते हैं।”
इस पूरे मामले में हरजीत सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गुंडागर्दी करके आतंक फैलाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के वक्त पुलिस वहाँ मूकदर्शक बनकर खड़ी रही और कुछ लोग फसल नष्ट करके चले गए। उन्होंने मामले में डीजीपी दिनकर गुप्ता से मिलकर शिकायत की है।
‘ये आतंकी, कॉन्ग्रेस और माओवादी सब मिले हुए हैं’: हरजीत सिंह ग्रेवाल
इस बीच, ऑपइंडिया ने पूरी घटना पर भाजपा नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल से संपर्क किया। भाजपा नेता ने बताया कि खुद को किसान बताने वाले 100-200 लोगों का एक दल शुक्रवार दोपहर खेत में घुस गया। ग्रेवाल ने कहा, “पहले तो उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव होने के दौरान गालियाँ दीं। उन्होंने धान की फसल को नष्ट कर दिया और खुले तौर पर पीएम मोदी और मुझे धमकाया और गाली दी। ये लोग किसान नहीं बल्कि आतंकवादी हैं। ये आतंकी किसान, कॉन्ग्रेस और माओवादी सब मिले हुए हैं।”
‘किसानों’ को पंजाब पुलिस का समर्थन: भाजपा नेता
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि ये लोग पंजाब पुलिस के समर्थन से इस तरह की जघन्य गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि इन बदमाशों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करना उनके लिए कितना मुश्किल था, क्योंकि राज्य में कॉन्ग्रेस सरकार के इशारे पर काम कर रही पंजाब पुलिस उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने से हिचक रही थी। उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के कारण ही मामला दर्ज किया जा सका।
‘पंजाब पुलिस ‘किसानों’ के खिलाफ शिकायत दर्ज करने से हिचकिचा रही है’
खुद को किसान बताने वाले इन अपराधियों के साथ पूरी व्यवस्था की कैसी मिलीभगत है, इस पर बोलते हुए ग्रेवाल ने कहा कि पंजाब पुलिस उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज करने को तैयार नहीं थी। इन किसानों के पास फ्री हैंड है और वे जो चाहें कर सकते हैं। वे किसान नहीं बल्कि एक तरह के जबरन वसूली करने वाले लोग हैं। वे समाज के लिए कलंक हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह घटना उनके कृषि समर्थक कानून का समर्थन करने का प्रतिशोध है, ग्रेवाल ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन शांति से, हिंसा का सहारा लेकर नहीं, जैसा कि ये बदमाश करते रहे हैं।
भाजपा नेता ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को भी यह बताया कि इस घटना का उन पर कोई वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि उन्हें इस जमीन का वार्षिक अनुबंध पहले ही मिल गया है। एक गरीब किसान नछत्तर सिंह, जिन्होंने 1.5 एकड़ जमीन किराए पर ली है उनका नुकसान हुआ है। ग्रेवाल ने कहा कि उन्होंने नछत्तर सिंह को आश्वासन दिया है कि वह उनके नुकसान की भरपाई करेंगे, क्योंकि इसमें उनकी गलती नहीं है और वह एक गरीब किसान हैं।
ग्रेवाल ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, “नुकसान नछत्तर सिंह का होगा, क्योंकि मुझे इस जमीन का वार्षिक अनुबंध पहले ही मिल चुका है। मेरे पास अलग-अलग हिस्सों में कुल 17 एकड़ पारिवारिक भूमि है, जिसमें से धान की रोपाई इसी हिस्से में की गई थी। यह जमीन मेरे भाई की है, जो यूके में है। मैंने नछत्तर को उसके नुकसान की भरपाई करने का वादा किया है, क्योंकि यह उसकी गलती नहीं थी और वह एक गरीब किसान है।”
हरजीत सिंह के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन
बता दें कि बीजेपी नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल किसान आंदोलन के वक्त काफी सक्रिय रहे। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन की आलोचना की और किसानों पर कई बयान दिए। हरजीत सिंह से नाराज किसानों ने कई बार उनके खिलाफ प्रदर्शन भी किया।