देहरादून। उत्तराखंड में कई दिनों से जारी सियासी उठापटक, आखिरकार शनिवार को पुष्कर सिंह धामी को नया मुख्यमंत्री बनाए जाने के साथ ही खत्म हो गई. तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के साथ ही प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम पर सबकी नजर टिक गई थीं.
तीन-चार नाम लगातार चर्चा में बने हुए थे, लेकिन इन सबको पीछे करते हुए बीजेपी आलाकमान और विधायकों ने पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) पर भरोसा जताया. खटीमा विधानसभा सीट से दो बार से विधायक धामी प्रदेश में काफी युवा चेहरा हैं. उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) का भी काफी करीबी माना जाता रहा है.
राज्य के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में बीजेपी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह साल 2002 से 2008 तक इस पद पर रहे थे. धामी के अलावा, परिवार में उनकी तीन बहन भी हैं. उनके पिता पूर्व में भारतीय सेना में भी रह चुके हैं. धामी का जन्म गांव टुण्डी, पिथौरागढ़ में हुआ था. उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन एवं औद्योगिक संबंध में पीजी और एलएलबी की शिक्षा पूर्ण की है.
खटीमा से लगातार दो बार से विधायक
बता दें कि पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की खटीमा सीट से लगातार दो बार जीत हासिल की. साल 2012 से 2017 तक वे विधायक रहे और फिर 2017 में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत मिली। वहीं, साल 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक एबीवीपी में विभिन्न पदों पर भी काम किया। धामी का दावा है कि छह सालों तक प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने जगह-जगह घूमकर युवा बेरोजगारों को संगठित करने का काम किया.
कई चेहरों को पीछे छोड़ बने नए सीएम
जब से उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिलने की चर्चा शुरू हुई, तब से कई नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में आगे थे. पुष्कर सिंह धामी ने इन सभी नामों को पीछे छोड़ दिया. तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद सतपाल महराज, त्रिवेंद्र सिंह रावत, धन सिंह रावत समेत कई नाम इस रेस में आगे माने जा रहे थे. हालांकि, जब नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया गया तो उसमें पुष्कर धामी ने बाजी मार ली.