मुंबई। मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हाल ही में ट्रांसफर किए गए परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर आरोप लगाया कि राज्य के गृह मंत्री और NCP नेता अनिल देशमुख ने विवादित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने रेस्टॉरेंट्स, बार और पब से 100 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य दिया था। इस पत्र में एंटीलिया के बाहर बम वाले कार से लेकर मनसुख हिरेन की मौत को लेकर कई सवाल थे।
इसके बाद अनिल देशमुख ने बयान जारी कर आरोपों का खंडन किया, जबकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस पत्र की प्रमाणिकता पर प्रश्न खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस पत्र पर परमबीर सिंह के हस्ताक्षर नहीं थे और इसे जीमेल अकाउंट से भेजा गया था। उन्होंने कहा कि चूँकि इस अहस्ताक्षरित पत्र को परमबीर सिंह के आधिकारिक मेल से नहीं भेजा गया था, इसीलिए संभव है कि ये पत्र पूरा का पूरा फेक ही हो।
.@CMOMaharashtra is trying to contact Parambir Singh and checking the authenticity of the letter. The letter received from [email protected] email id while official I’d given by Parambir Singh is [email protected] I’d to state govt
@NewIndianXpress pic.twitter.com/4Fh2P34kj2— Sudhir Suryawanshi (@ss_suryawanshi) March 20, 2021
उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। शिवसेना सुप्रीमो ने कहा कि जिस मेल अकाउंट से पत्र आया, वो ‘[email protected]’ था, जबकि परमबीर सिंह का सरकारी मेल एड्रेस ‘[email protected]’ है। इसी बीच अनिल देशमुख ने एक नया विस्तृत बयान जारी कर दिया। उन्होंने इसमें अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए इसे उन्हें और MVA सरकार को बदनाम करने की साजिश करार दिया। अपने बयान में उन्होंने कहा:
“मैं आपका ध्यान कुछ बिंदुओं की तरफ आकर्षित करना चाहता हूँ, जिससे पता चलता है कि परमबीर सिंह झूठ बोल रहे हैं। सचिन वाजे की गिरफ़्तारी के बाद वो इतने दिनों तक चुप क्यों थे? उन्होंने शुरू में क्यों कुछ नहीं कहा? मार्च 16 को उन्हें पता चला कि उनका ट्रांसफर किया जाना है तो फिर अगले दिन से उन्होंने साजिश शुरू कर दी। उन्होंने अपने करीबी ACP संजय पाटिल को कुछ प्रश्न व्हाट्सएप्प पर भेजे और बदले में मनपसंद उत्तर पाया। ये उनकी एक बड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसके माध्यम से वो सरकार को बदनाम करना चाहते हैं।”
महाराष्ट्र के गृह मंत्री के बयान में आरोप लगाया गया है कि 16 वर्षों से निलंबन की अवस्था में चल रहे सचिन वाजे को फिर से पदस्थापित करने का निर्णय परमबीर सिंह का ही था और अब खुद को बचाने के लिए वो इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने परमबीर सिंह के आरोपों को आधारहीन बताते हुए उन्हें साबित करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि वो मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएँगे। उन्होंने कहा कि सचिन वाजे फरवरी में ही सिंह से मिले थे, फिर उस समय क्यों नहीं उन्होंने कुछ कहा?
प्रसिद्धी पत्रक pic.twitter.com/4qh5ZIP9GD
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) March 20, 2021
बकौल अनिल देशमुख, अब परमबीर सिंह को लगता है कि एंटीलिया मामले में वो मुसीबत में हैं तो उन्होंने ‘महा विकास अघाड़ी (MVA)’ सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए ये आरोप लगाए हैं। इस तरह से मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने एक-दूसरे का विरोधाभासी बयान जारी किया। इसके कुछ ही देर बाद परमबीर सिंह ने मीडिया से कहा कि ये पत्र उन्होंने ही भेजा है और अब वो इसकी हस्ताक्षरित कॉपी पुनः सेंड करने जा रहे हैं।
इसके बाद कयासों का अंत हुआ और मीडिया में परमबीर सिंह द्वारा हस्ताक्षरित पत्र भी जारी हो गया, जो उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकरे को भेजा है। मुंबई कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा कि अगर परमबीर सिंह के आरोप सच्चे हैं तो सवाल NCP सुप्रीमो शरद पवार से पूछा जाना चाहिए, जो MVA सरकार के सूत्रधार हैं। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस को इस मामले में अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए।
परमबीर सिंह ने चिट्ठी में ये भी कहा कि सचिन वाजे ने उन्हें बताया था कि अनिल देशमुख ने उससे हर महीने जेल से, रेस्ट्रॉं, होटल, बार आदि जगहों से 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने को कहा था। उनके मुताबिक गृहमंत्री ने वाजे को बताया था कि मुंबई में लगभग 1750 बार, रेस्ट्रॉं और अन्य जगह हैं। यदि प्रत्येक से 2-3 लाख रुपए एकत्रित किए जाएँ तो हर महीने 40-50 करोड़ मिल जाएँगे। बाकी का कलेक्शन अन्य माध्यमों से किए जा सकते हैं।
इस प्रकरण पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, “पूर्व कमिश्नर ने जो आरोप लगाए हैं वह बेहद गंभीर हैं। मैं तो मानता हूँ कि जिलेटिन की जो छड़े मिली हैं, उससे भी ज्यादा विस्फोटक ये आरोप हैं।”
उनके अनुसार, इन आरोपों पर गंभीरता से इसलिए भी जाँच होनी चाहिए, क्योंकि ये आरोप कार्यरत डीजी ने लगाए हैं। इन आरोपों की पुष्टि करने के लिए उन्होंने व्हॉट्सएप चैट या एसएमएस चैट भी लगाई है। जिसमें यह स्पष्ट है कि रेस्ट्रां, बार से पैसा जमा करने को कहा गया है।