मुंबई। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और अब महाराष्ट्र के DG (होमगार्ड) परमबीर सिंह के उस पत्र से बवाल मचा हुआ है, जिसमें उन्होंने राज्य के गृह मंत्री और NCP नेता अनिल देशमुख पर विवादित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के माध्यम से प्रतिमाह 100 करोड़ रुपए की वसूली की कोशिश के आरोप लगाए हैं। सबूत के रूप में परमबीर सिंह ने ACP संजय पाटिल के साथ व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर हुई बातचीत का हवाला भी दिया है। जानिए क्या है उस चैट में।
इस चैट की शुरुआत परमबीर सिंह के ये पूछने से होती है कि जब पाटिल ने ‘HM सर’ से फरवरी में मुलाकात की थी तो उन्होंने बार व ऐसे अन्य संस्थानों के बारे में क्या कहा था और कुल कितनी रकम की उगाही की बात कही थी? जब उधर से कुछ मिनट्स तक कोई जवाब नहीं आता है तो परमबीर सिंह ‘अर्जेन्ट प्लीज’ का मैसेज भेजते हैं। इस पर पाटिल जवाब देते हैं कि मुंबई के ऐसे 1750 व अन्य प्रतिष्ठानों से 3-3 लाख उगाही की बात हुई थी। Whatsapp चैट इस प्रकार है:
ACP पाटिल: हर महीने कुल 50 करोड़ की वसूली। मिस्टर पलांडे ने 4 मार्च को DCP भुजबल एनफोर्समेंट के सामने ऐसा कहा था।
परमबीर सिंह: तो इससे पहले आप HM सर से कब मिले थे?
ACP पाटिल: हुक्का ब्रीफिंग से 4 दिन पहले।
परमबीर सिंह: वाजे और HM सर की बैठक की तारीख़ क्या थी?
ACP पाटिल: सर मुझे सटीक तारीख़ याद नहीं है।
परमबीर सिंह: आपने कहा था कि आपकी बैठक से कुछ ही दिनों पहले?
ACP पाटिल: हाँ सर, लेकिन ये फरवरी से ख़त्म होने से पहले।
परमबीर सिंह: पाटिल, मुझे कुछ और सूचनाएँ चाहिए। क्या वाजे HM सर से मुलाकात करने के बाद तुमसे मिला?
ACP पाटिल: हाँ सर, वो मुझसे मिला था।
परमबीर सिंह: क्या उसने तुम्हें कुछ बताया कि वो HM सर से क्यों मिला था?
ACP पाटिल: उस बैठक का उद्देश्य, जैसा कि मुझे बताया गया था, यह था कि मुंबई में 1750 प्रतिष्ठान हैं और प्रत्येक से 3 लाख की वसूली के बाद ये आँकड़ा 40-50 करोड़ के बीच होगा।
परमबीर सिंह: HM सर ने आपसे भी यही बात कही थी?
ACP पाटिल: 4 मार्च को उनके PS पलांडे ने मुझसे ऐसा कहा था।
परमबीर सिंह: हाँ, आपकी पलांडे से मुलाकात हुई थी।
ACP पाटिल: हाँ सर, मुझे बुलाया गया था।
WhatsApp chat between PBS and Patil.
Note ‘Hukka briefing’; this is what the agenda of the meetings used to be. #MahaVasooliAghadi pic.twitter.com/jRSYi6bwu9— Shraddha Sethi (@ShraddhaSethi1) March 20, 2021
परमबीर सिंह के पत्र की एक और बड़ी बात ये है कि उन्होंने इस पूरे प्रकरण के साथ-साथ दादर एंड नगर हवेली लोकसभा क्षेत्र से 7वीं बार सांसद बने मोहन डेलकर की आत्महत्या वाले मामले का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट के हिसाब से दादर एंड नगर हवेली में अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात लिखी थी लेकिन गृह मंत्री देशमुख उन पर बार-बार केस रजिस्टर करने का दबाव बना रहे थे और नहीं चाहते थे कि वो इस पर वकीलों की राय लें।
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीनों में राज्य के गृह मंत्री ने दयानेश्वर स्थित अपने आवास पर कई पुलिस अधिकारियों को बुलाया है और उन्हें कहा है कि किसी खास प्रकरण में उन्हें जाँच को किस दिशा में ले जाना है। परमबीर सिंह ने इसे अवैध और न्यायपालिका का उल्लंघन बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ वाजे ही नहीं बल्कि कई अधिकारियों को अपने आवास पर बुला कर देशमुख ने ‘कलेक्शन टारगेट’ दिए थे।
जबकि अनिल देशमुख का कहना है कि अब परमबीर सिंह को लगता है कि एंटीलिया मामले में वो मुसीबत में हैं तो उन्होंने ‘महा विकास अघाड़ी (MVA)’ सरकार को ब्लैकमेल करने के लिए ये आरोप लगाए हैं। सीएम उद्धव ने पत्र की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए। सीएम व गृह मंत्री ने एक-दूसरे का विरोधाभासी बयान जारी किया। इसके कुछ ही देर बाद परमबीर सिंह ने मीडिया से कहा कि ये पत्र उन्होंने ही भेजा है और अब वो इसकी हस्ताक्षरित कॉपी पुनः सेंड करने जा रहे हैं।