साल 2001 ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा, पहले टेस्ट में कंगारुओं से बुरी तरह पिटी टीम इंडिया ने दूसरे और तीसरे टेस्ट में वापसी कर सीरीज जीती। साल 2010 भारत का दक्षिण अफ्रीका दौरा पहला टेस्ट हारने के बाद दूसरे टेस्ट को जीतकर भारत ने सीरीज में बराबरी हासिल की।
ऐसे 2 नहीं पिछले 10 साल में कई उदाहरण हैं जब टीम इंडिया ने भले ही पहला टेस्ट हारा हो लेकिन इसके बाद पूरी टीम एकजुट हुई और अगला मैच ही नहीं कभी कभी सीरीज भी जीत कर दिखायी । ऐसा सिर्फ भारतीय पिच पर ही नहीं विदेशी पिचों पर भी देखने को मिला है।
रही सही कसर आज इंग्लैंड ने अपने अंतिम 12 की घोषणा करके कर दी है। इंग्लैंड की बल्लेबाजी में से अगर भारत ने जो रूट नामक पहाड़ से पार पा लिया तो फिर पूरी बल्लेबाजी क्रम ताश के पत्तों की तरह ढह सकती हैं। रुट के बाद बेन स्टोक्स ही बड़ा नाम इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम में दिखता है।
अक्षर पटेल फिट हो गए हैं और यह माना जा रहै हे कि वह दूसरे टेस्ट में जरूर खेलेंगे। उनके खेलने से टीम इंडिया के तेवर में बड़ा बदलाव आने की संभावना है। उनकी भूमिका वही होगी जो जड़ेजा की टीम इंडिया में हुआ करती थी।
हालांकि उनसे वैसे प्रदर्शन की उम्मीद करना ज्यादा है लेकिन जड़ेजा का 60 प्रतिशत भी अगर वह कर गए तो टीम इंडिया का काम आसान हो जाएगा।
इस बार इंग्लैंड सर्प्राइज एलिमेंट के चक्कर में एंडरसन को बाहर बिठा चुका है। इस कारण ओली स्टोन जिन्होंने आखिर टेस्ट 2019 में आयरलैंड के खिलाफ खेला था, भारतीय बल्लेबाजों का कोपभजन बन सकते हैं।
दूसरा टेस्ट रहाणे और रोहित के लिए भी पिछली असफलताओं से बाहर निकलने का एक बेहतरीन मौका है। फैंस को सबसे ज्यादा इंतजार है विराट कोहली के शतक का जो आखिरी बार 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ लगा था।
इस गेंदबाजी क्रम के खिलाफ विराट कोहली शतक बना सकते हैं क्योंकि ब्रॉड का प्रदर्शन भारत में एंडरसन की तुलना में खास नहीं रहा है। हां, मोइन अली जो उनको बहुत बेहतर जानते हैं उनका विकेट लेने की कोशिश करेंगे।
भारत को सबसे बड़ी जरूरत भाग्य की है। अगर भारत टॉस जीतता है और पहले बल्लेबाजी करता है तो 70 प्रतिशत समस्या तो यहीं खत्म हो जाएंगी। चेन्नई में 1-1 की बराबरी कर ही भारत अहमदाबाद का रुख करना चाहेगा।
गुरुवार को बीसीसीआई ने टीम इंडिया की प्रैक्टिस सेशन का वीडियो शेयर किया था और भारतीय टीम जोश से लबरेज लग रही थी। हर खिलाड़ी पसीना बहा रहा था ताकि पहले टेस्ट की गलती दूसरे टेस्ट में ना हो जाए।