सेहत, सड़क, शिक्षा, साफ पानी और सुरक्षा, जानें बजट में किसके लिए क्या?

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट 2021-22 पेश किया. यह इस नए दशक का पहला बजट है. वित्त मंत्री ने आत्‍मनिर्भर भारत का विजन पेश करते हुए कहा कि यह असल में 130 करोड़ भारतीयों की अभिव्‍यक्ति है, जिन्‍हें अपनी क्षमता और कौशल पर पूर्ण भरोसा है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट प्रस्‍तावों से नेशन फर्स्ट, किसानों की आय दोगुनी करने, मजबूत बुनियादी ढांचा, स्‍वस्‍थ भारत, सुशासन, युवाओं के लिए अवसर, सभी के लिए शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, समावेशी विकास, इत्‍यादि का संकल्‍प और मजबूत होगा.

फिलहाल, आइए जानें आम बजट में सड़क, सुरक्षा, सेहत, शिक्षा, पानी आदि के लिए क्या मिला है.

सेहत 

नए बजट में कोरोना संकट के बीच सरकार ने अगले वित्त वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च को दोगुना से अधिक कर दिया है. अगले वित्त वर्ष में सरकार का स्वास्थ्य क्षेत्र पर 2.2 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है. साथ ही कुछ आयातित उत्पादों पर एक नया कृषि सेस भी लगाया गया है.

स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी बुनियादी सुविधाओं में निवेश में बढ़ोतरी की गई है. बजट 2020-21 में स्‍वास्‍थ्‍य और खुशहाली के लिए बजट परिव्‍यय 2,23,846 करोड़ रुपये का है, जबकि इस साल का बजट अनुमान 94,452 करोड़ रुपये का है, जो 137 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है. इसी तरह बजट में कोरोना वैक्‍सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

फोटो : सभार आजतक

यानी बजट में स्वास्थ्य पर जीडीपी के एक प्रतिशत के बराबर खर्च करने का प्रस्ताव है. सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 94,452 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है. इसके अलावा, भारत में तैयार ‘न्‍यूमोकोकल वैक्‍सीन’ को देश भर में उपलब्‍ध कराया जाएगा. यह अभी केवल पांच राज्‍यों तक ही सीमित है. इसका मकसद हर वर्ष 50 हजार बच्‍चों को मौत के मुंह में जाने से बचाना है.

वित्‍त मंत्री ने ऐलान किया है कि 3.3 लाख करोड़ रुपये की लागत से 13 हजार किलोमीटर से भी अधिक लंबी सड़कों के कॉन्ट्रैक्ट पहले ही दिए जा चुके हैं, जिनमें से 3800 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण हो चुका है. यह सब 5.35 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली भारतमाला परियोजना के तहत हो रहा है.

बकौल निर्मला सीतारमण, मार्च 2022 तक सरकार 8500 किलोमीटर लंबी सड़कों के लिए भी ठेके दे देगी. साथ ही सरकार 11 हजार किमी और लंबे नेशनल हाइवे कॉरिडोर का निर्माण पूरा कर लेगी. कई और आर्थिक कॉरिडोर की योजना बनाई जा रही है जिससे सड़क ढांचे का और भी अधिक विस्‍तार होगा. उन्‍होंने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के लिए 1,18,101 लाख करोड़ रुपये फंड मुहैया कराया है जिसमें से 1,08,230 करोड़ रुपये संबंधित पूंजी के लिए है और जो अब तक का सर्वाधिक है.

सुरक्षा

सुरक्षा के लिहाज से देखा जाए तो 2021-22 के बजट में पूंजीगत व्यय के लिए 1.35 करोड़ का इंतजाम किया गया है. देश की परिसंपत्तियों में वृद्धि करने वाले खर्चों को पूंजीगत व्यय माना जाता है, जैसे कि पुल, सड़क, अस्पताल निर्माण. सेना के संदर्भ में इस मद में हथियारों, युद्धक विमानों, टैंक, लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की खरीद पर किया जाने वाला खर्च जोड़ा जा सकता है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि इस साल रक्षा विभाग में पूंजीगत व्यय में करीब 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि पेंशन समेत कुल रक्षा बजट को देखा जाए तो इस साल पिछले साल की तुलना में मामूली वृद्धि दिखती है. इस साल कुल रक्षा बजट 4.78 लाख करोड़ रुपये है, जबकि साल 2020-21 में ये आंकड़ा 4.71 लाख करोड़ रुपये था.

शिक्षा

बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने बताया कि हाल ही में घोषित राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का स्‍वागत हुआ है. उन्‍होंने यह भी ऐलान किया कि एनजीओ, निजी स्‍कूलों, राज्‍यों की साझेदारी में सौ नए सैनिक स्‍कूल बनाएं जाएंगे. एक भारतीय उच्‍च शिक्षा आयोग स्‍थापित करने का भी प्रस्‍ताव है. इसमें मानक, स्‍थापना, मान्‍यता, विनियमन और वित्‍त पोषण के लिए चार अलग घटक शामिल हैं. लद्दाख में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने की योजना है.

पानी

वित्‍त मंत्री ने ऐलान किया है कि 2.86 करोड़ घरों में नल कनेक्‍शन के साथ सभी 4,378 शहरी स्‍थानीय निकायों में यूनिवर्सल पानी सप्लाई के लिए जल जीवन मिशन (शहरी) की शुरुआत की जाएगी. साथ ही पांच सौ अमृत शहरों में तरल अपशिष्‍ट का प्रबंधन किया जाएगा. इस पर 2,87,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे जो अगले पांच वर्षों में कार्यान्वित किए जाएंगे. इसके अलावा 2021-2026 तक 1,41,678 करोड़ रुपये की लागत से शहरी स्‍वच्‍छ भारत मिशन को पूरा किया जाएगा.