‘कॉमेडियन’ समय रैना ने आज (जनवरी 19, 2021) कश्मीरी पंडित नरसंहार की 31 वीं वर्षगाँठ का हवाला देते हुए ‘कॉमेडियन’ मुनव्वर फारुकी के जेल में बंद रहने को लेकर भारतीय न्यायिक प्रणाली को कोसा। बता दें कि मुनव्वर फारुकी को इस महीने की शुरुआत में हिंदू देवताओं, गोधरा की घटना और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
समय रैना ने ट्वीट किया, “आज कश्मीरी पंडित नरसंहार के 31 साल पूरे हो गए हैं। मैं चाहता हूँ कि मैं अपनी मातृभूमि, कश्मीर वापस जाऊँ, जहाँ मुझे अपनी न्यायिक प्रणाली की मृत्यु के बारे में पढ़ने के लिए इंटरनेट नहीं होगा।”
Today marks 31 years of the Kashmiri Pandit exodus. How I wish I could go back to my homeland, Kashmir where I would not have internet to read about the death of our judicial system.#MunawarFaruqui
— Samay Raina (@ReheSamay) January 19, 2021
रैना, जो खुद कश्मीरी पंडित हैं, ने कश्मीरी पंडितों के पलायन की दुखद घटना का जिक्र करने के बजाय ‘कॉमेडियन’ मुनव्वर फारुकी की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाया। लगभग 31 साल पहले, घाटी में कश्मीरी पंडितों के खिलाफ आतंक की जहर फैल गई थी, जब मुस्लिमों की भीड़ ने कश्मीरी पंडितों को घर से निकाल दिया था और उन्हें कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया था। कश्मीरी पंडित उस बेहद भयावह नारों, अराजकता और भयंकर रात के प्रत्यक्षदर्शी बने। उस रात उनसे कहा गया था कि वो अपनी मातृभूमि से पलायन करें अथवा धर्म परिवर्तन करें या फिर मरने के लिए तैयार रहें।
मुनव्वर फारुकी की गिरफ्तारी से कश्मीरी पंडितों के पलायन को जोड़कर रैना ने उन कश्मीरी पंडितों द्वारा सहन किए गए भयावहता को तुच्छ बता दिया, जो अपने ही देश में शरणार्थी की तरह रह रहे हैं। वहीं इसके विपरीत, फारुकी लंबे समय से हिंदू देवताओं और हिंदू धर्म के खिलाफ लगातार भड़काऊ और अपमानजनक टिप्पणी कर रहा है।
फारुकी और 4 अन्य को हिंदू देवताओं पर अभद्र टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया
हिंदू रक्षक संगठन के प्रमुख एकलव्य सिंह गौर की शिकायत के आधार पर फारुकी और चार अन्य व्यक्तियों- एडविन एंथोनी, प्रखर व्यास, प्रियम व्यास और नलिन यादव को इंदौर में एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो में हिंदू देवताओं का मजाक उड़ाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आईपीसी की धारा 295-ए, 269 और अन्य संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। COVID-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल की कथित रूप से अनदेखी के लिए धारा 269 लगाई गई थी। फारुकी को 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था जिसे बाद में 27 जनवरी तक बढ़ा दिया गया।
यूपी पुलिस ने मुनव्वर फारुकी की हिरासत माँगी
उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुनव्वर के खिलाफ पिछले साल अप्रैल में दर्ज एक मामले को लेकर प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस ने कॉमेडियन फारूकी को अपनी गिरफ्त में लेने के लिए इंदौर सेंट्रल जेल और सीजेएम कोर्ट के समक्ष 7 जनवरी को प्रोडक्शन वारंट प्रस्तुत किया। बताया जा रहा है कि 19 अप्रैल, 2020 में आशुतोष मिश्रा नामक एक अधिवक्ता की शिकायत पर प्रयागराज जिले के जॉर्ज टाउन पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में यह प्रोडक्शन वारंट पेश किया गया है।
पुलिस ने आरोपित पर भारतीय दंड संहिता (IPC) धारा 153A (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, धर्म का अपमान कर किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) और धारा 65 और 66 आईटी एक्ट, 2008 के तहत मामला दर्ज किया था।