लखनऊ। 1859 में ब्रिटिश फौज के उपचार के लिए जिस बड़े अस्पताल की नींव लखनऊ छावनी में पड़ी। वह आजादी के बाद 1967 में मध्य कमान अस्पताल बन गया। यह सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल चार साल बाद देश के आधुनिकतम अस्पताल में शुमार हो जाएगा। बेस अस्पताल में मध्य कमान के प्रतीक सूर्य का नए रूप में उदय होगा। दरअसल सात राज्यों तक अपने 22 सैन्य स्टेशनों वाले मध्य कमान के वर्तमान अस्पताल को अपग्रेड करने की योजना पिछले 20 साल से लंबित थी। मध्य कमान सेनाध्यक्ष ले. जनरल इकरूप सिंह घुमन ने मध्य यूपी सब एरिया मुख्यालय को इस नए अस्पताल की डिजाइन, बजट और एनओसी सहित सभी बाधाओं को दूर करने का टास्क दिया।
जीओसी मेजर जनरल राजीव शर्मा, तत्कालीन कर्नल क्यू आरके सिंह कर्नल एक्यू ले. कर्नल विवेक तिवारी ने नए कमान अस्पताल के प्रोजेक्ट को बनाकर उसका बजट मंजूर कराने में अहम भूमिका निभायी। मैकेनाइज्ड इंफेंट्री की मदद से पेड़ों को काटने की जगह उसे दूसरी जगह शिफ्ट किया गया।
- 788 बेड होंगे नए अस्पताल में
- 100 इमरजेंसी बेड की व्यवस्था अलग
- 425 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत होगी
- भवन 40 एकड़ भूमि में होगा नया अस्पताल
- 6 अलग अलग ब्लॉक होंगे। जिसमें तीन से नौ मंजिला तक होंगे भवन
- 6 हेलीपैड कुल होंगे, सभी ब्लॉक पर एक हेलीकॉप्टर की होगी लैंडिंग
- 750 कारों की क्षमता वाली होगी पार्किंग
जानिए किस ब्लॉक में होगा क्या
ए ब्लॉक में इमरजेंसी, पॉलीक्लीनिक, पीडियाट्रिक्स, रेस्पिरेटरी, न्यूरोलॉजी और इनके वार्ड होंगे। बी ब्लॉक में रेडिएशन थेरेपी, कीमो डे केयर, आंकोलोजी, यूरोलॉजी विभाग और वार्ड होंगे। सी ब्लॉक में ऑपरेशन थिएटर, पैथोलोजी, एनेस्थेसिया, कार्डियोलोजी, आइसीयू और उनके वार्ड शामिल किए जाएंगे। डी ब्लॉक में बर्न सेंटर, रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी, न्यूरोलॉजी, क्राइसिस वार्ड, ई ब्लॉक में रिहेबिलिटेशन, साइकेट्री, आंख, ईएनटी, गैस्ट्रोएंट्रोलोजी, नेफ्रोलोजी की सुविधा होगी। वहीं एफ ब्लॉक में रिसेप्शन, रजिस्ट्रेशन और प्रशासनिक कार्य होंगे।