शाहजहांपुर। राजकीय मेडिकल कालेज एवं जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां पुरुष डॉक्टर को प्रसव करवाना पड़ रहा है। ऐसा ही एक वाकया 7 अक्टूबर को दोपहर में उस समय सामने आया। जब एक प्रसूता की नार्मल डिलीवरी करने पुरुष डॉक्टर पहुंच गया। यही नही उस डॉक्टर ने डिलीवरी रूम में मौजूद लेडी डॉक्टर को हाँथ तक नही लगाने दिया और प्रसूता की स्वयं नार्मल डिलीवरी कर दी। हद तो तब हो गयी जब पुरुष डॉक्टर ने प्रसूता के कॉपर टी भी अपने हाँथ से लगा दी। जब इस बात का विरोध वहां पर मौजूद आशा कार्यकत्री ने किया तो उस पुरुष डॉक्टर ने आशा कार्यकत्री से अभद्र व्यवहार करते हुए वार्ड से बाहर निकाल दिया। जब यह बात वहां पर मौजूद महिलाओं को पता चली तो आशा कार्यकत्रियों ने जमकर विरोध किया। साथ ही प्रसूता के परिवार वाले भी डॉक्टर के इस कृत्य से नाराज दिखे। आपको बता दें जब कोई प्रसूता प्रसव हेतु मेडिकल कालेज में स्थित महिला वार्ड में जाती है तब संबंधित आशा प्रसूता की देखभाल व मानोबल बढ़ाने हेतु साथ मे रहती है और परिवार का कोई भी व्यक्ति प्रसव के समय प्रसूता के साथ नही होता है। आशा कार्यकत्रियों का आरोप है एक पुरुष डॉक्टर हाथ में गिलब्स पहनकर आये उन्होंने वहां पर मौजूद लेडी डॉक्टर को हाँथ तक लगाने नही दिया और खुद प्रसूता की डिलीवरी कर दी अगर ऐसा चलता रहा तो कोई भी गॉंव वाला अपनी मां बहन को हम आशाओं के साथ प्रसव के लिए नही भेजेगा तो वही मेडिकल कालेज की पीआरओ डॉ. पूजा त्रिपाठी पांडेय का कहना है कि डॉक्टर महिला की डिलीवरी कर सकता है। उसके पास डिलीवरी करने का सर्टिफिकेट होता है। यह बात कहकर उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया। फिलहाल आशा कार्यकत्रियों ने अस्प्ताल प्रशासन को लिखित प्रार्थना पत्र देकर मांग की कि पुरुषों द्वारा नार्मल डिलीवरी करने पर तत्काल रोक लगाई जाए।