केरल के वामपंथी सरकार में मंत्री केटी जलील को केंद्रीय मंजूरी के बिना UAE से विदेशी सहायता स्वीकार करने के लिए बुक किया गया है। जलील के खिलाफ केंद्रीय जाँच हो सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय केटी जलील द्वारा विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन करने की जाँच की तैयारी कर रहा है। इस मामले में अब एनआईए भी एंट्री ले सकती है।
जलील ने खुद फेसबुक पर पोस्ट किया था कि उन्हें संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के वाणिज्य दूतावास से मदद मिली है। इसके आधार पर, केंद्र सरकार के पास कई शिकायतें दर्ज कराई गई थी। जलील को कुरान के वितरण से संबंधित आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के समक्ष केरल की कई शिकायतें आने के बाद मंत्रालय अब जाँच की तैयारी कर रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय को आशंका है कि इस मामले में विदेशी मुद्रा विनियमों का उल्लंघन हुआ है। वहीं विदेश मंत्रालय में भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई है। केंद्र सरकार ने लाइफ मिशन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के दौरान जलील मुद्दे पर भी चर्चा की। इसके आधार पर यह मामला वित्त मंत्रालय के संज्ञान में आया। अगले ही सप्ताह इस मामले की कार्रवाई शुरू किए जाने की उम्मीद है, जिसमें एनआईए भी शामिल हो सकती है।
यूएई काउंसलेट से मदद लेने के मामले में केरल के उच्च-शिक्षा मंत्री केटी जलील फॉरेन एक्सचेंज के उल्लंघन के मामले में फँसते दिख रहे हैं। दरअसल, उन्हें यूएई के वाणिज्य दूतावास की ओऱ से 5 लाख रुपए के मूल्य का ‘रमजान किट’ दिया गया था। उन्होंने UAE दूतावास से सीधे ये चीजें प्राप्त की थी। इसके अलावा उन्हें कुरान की कई प्रतियाँ भी मुहैया कराई गई थीं, जिन्हें उन्होंने मल्ल्पुरम में स्थित अपने विधानसभा क्षेत्र थवनूर में वितरित किया था।
ये घटना मई 2020 की है, जब रमजान का महीना चल रहा था। फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के सेक्शन 4.2 में मंत्रियों के ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ में बताया गया है कि केंद्रीय या राज्यों के मंत्री किसी भी विदेशी संस्था से 5000 रुपए से ज्यादा के व्यक्तिगत गिफ्ट स्वीकार नहीं कर सकते। केटी जलील केरल सोने की तस्करी मामले में फँसी स्वप्ना सुरेश से 16 बार फोन कॉल पर बात करने को लेकर भी निशाने पर हैं।
ज्ञात हो कि केरल में डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में सोने की तस्करी का मामला स्वप्ना सुरेश से शुरू हुआ और फिर इसके तार मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के दफ्तर तक पहुँच गए। स्वप्ना सुरेश ने कहा था कि उनके अकाउंट से जो 1 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं, वो उन्हें केरल सरकार से ‘लाइफ मिशन प्रोजेक्ट’ के एजेंट के रूप में काम करने के लिए बतौर कमीशन मिले थे। ये केरल सरकार का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है जिसे 2017 में लॉन्च किया गया था।
इसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का नाम इसीलिए आता है क्योंकि इस प्रोजेक्ट के मुखिया वही हैं और उन्होंने UAE की यात्रा भी की थी ताकि इसके लिए 20 करोड़ का डोनेशन जुटा सकें। UAE के ‘Red Crescent’ से उन्हें 20 करोड़ रुपए मिले, जिस पर सवाल उठ रहे हैं। स्वप्ना सुरेश ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट को पास कराने के लिए उन्हें 1 करोड़ रुपए कमीशन मिले। कॉन्ग्रेस का तो यहाँ तक आरोप है कि केरल सीएम के UAE जाने के बाद ही स्वप्ना सुरेश और IT सचिव एम शिवशंकर भी दुबई गए थे।