इस्लामाबाद। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Underworld don Dawood Ibrahim) के कराची में होने के कबूलनामे से पाकिस्तान एक बार फिर पलट गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आधिकारित तौर पर इस बात को नकार दिया है की दाऊद पाकिस्तान की जमीन पर है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि यह दावा पूरी तरह से निराधार और भ्रामक है कि पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर कुछ सूचीबद्ध व्यक्तियों (दाऊद इब्राहिम) की उपस्थिति को स्वीकार किया है।
1993 में मुंबई सीरियल धमाकों का जिम्मेदार बाद दाऊद पाकिस्तान भाग गया था। इस्लामाबाद लगातार इस बात से इनकार करता रहा है कि उसने दाऊद को शरण दी है। इन धमाकों में 257 लोगों की जान चली गई थी और करीब 1400 लोग घायल हुए थे। भारत कई बार पाकिस्तान से दाऊद इब्राहिम को सौंपने के लिए कहा चुका है।
आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई का दिखावा
पेरिस स्थित एफएटीएफ ने जून, 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला था और इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक कार्ययोजना लागू करने को कहा था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इस समय सीमा बढ़ा दिया गया था। सरकार ने 18 अगस्त को दो अधिसूचनाएं जारी करते हुए 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के सरगना सईद, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन इब्राहीम पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी।
इन आतंकियों पर कार्रवाई
खबरों के अनुसार, आतंकी संगठनों और उनके आकाओं की सभी संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को सील करने के आदेश दिएगए हैं। जिन आतंकियों पर कार्रवाई की बात कही गई, उनमें आतंकी हाफिज सईद, अजहर मसूद, मुल्ला फजलुल्ला, जकीउर रहमान लखवी, मुहम्मद यह्या मुजाहिद, अब्दुल हकीम मुराद, नूर वली महसूद, उजबेकिस्तान लिबरेशन मूवमेंट के फजल रहीम शाह, तालिबान नेता जलालुद्दीन हक्कानी, खलील अहमद हक्कानी, यह्या हक्कानी और दाऊद इब्राहीम और उसके सहयोगी शामिल थे।