भगवान कृष्ण को बियर बार में बिकनी वाली लड़कियों से घिरा दिखाने के बाद असम के विवादित कलाकार अकरम हुसैन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग दोबारा से तेज हो गई है। हालाँकि, उसने अपनी घृणित सोच का पहली बार प्रदर्शन नहीं किया है।
साल 2015 में अकरम हुसैन की एक अन्य पेंटिंग चर्चा में आई थी। ये पेंटिंग तिरंगे की थी। इस पेंटिग में अकरम ने दिखाया था कि तिरंगे जैसी आकृति में से शराब की बोतलें और अंडरगार्मेंट्स निकल रहे हैं।
इस पेंटिंग के सामने आने के बाद गुवाहाटी में बहुत विवाद हुआ था। इसे एक प्रदर्शनी में लगाया था गया था, जहाँ वकील धर्मनंदा ने इसे देखकर एफआईआर दर्ज करवाई थी। उनके अलावा हिंदू संगठनों ने भी इस पर विवाद किया था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अकरम हुसैन की निंदा हुई थी। ऑल इंडिया पैट्रियाटिक फोरम की असम ब्रांच ने यह कहते हुए हुसैन की निंदा की थी कि उन्होंने कला की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है।
फोरम ने आगे कहा था, “प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट ट्रू नेशनल ऑनर ऐक्ट ऑफ 1971 के अंतर्गत यदि कोई भी व्यक्ति सार्वजिनक या किसी अन्य जगह पर राष्ट्रीय ध्वज के प्रति लोगों की भावना को भड़काता या अपमानित करता है तो वह सजा का हकदार होगा।”
बता दें, अकरम हुसैन द्वारा श्रीकृष्ण की पेंटिग की आलोचना भी असम सत्र महासभा में उस समय की गई थी। कुछ संस्थानों ने हुसैन के लिए कड़ी सजा की माँग की थी। हालाँकि वहीं, कुछ लोगों ने इसे कलाकार की अभिव्यक्ति कहते हुए हुसैन को बचाने का प्रयास किया था।
बता दें श्रीकृष्ण की विवादित पेंटिंग पर अंतरराष्ट्रीय संस्था इस्कॉन ने भी इस पेंटिंग पर आपत्ति जताते हुए असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल से अकरम हुसैन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की माँग की है। संस्था ने इस पेंटिंग को ऑफेंसिव करार देते हुए कहा कि सरकार को पेंटर के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जब 2015 में इसे लेकर विवाद हुआ था तो पेंटर अकरम हुसैन ने माफ़ी माँगते हुए इस पेंटिंग को हटा लिया था।