नई दिल्ली/जयपुर। जैसे- जैसे विधानसभा का सत्र करीब आ रहा है, वैसे-वैसे ही राजस्थान की राजनीति भी तेजी से बदल रही हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सचिन पायलट की शिकायतों के निपटारे के लिए सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। सोमवार देर शाम दिल्ली के 15 जीआरजी रूप के कांग्रेस वॉर रूम में प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल पहुंचे। इस दौरान सचिन पायलट और उनके समर्थकों के साथ बैठक की।
बैठक से निकलने के बाद राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि मुझे खुशी है की कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विस्तार से चर्चा की। साथी विधायकों की बातों को हमने सामने रखा। मुझे आश्वासित किया गया है कि तीन सदस्यीय की कमेटी जल्द इन तमाम मुद्दों का समाधान करेगी। ये सैद्धांतिक मुद्दे थे। पार्टी हमें पद देती है और इसे वापस भी ले सकती है। मुझे किसी भा पद की इच्छा नहीं है, लेकिन मैं अपने आत्मसम्मान के बचाए रखना चाहता हूं। मैंने पार्टी में 18-20 साल से योगदान दे रहा हूं। हमने हमेशा सरकार बनाने में कड़ी मेहनत करने वाले लोगों को साझेदारी सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि कई चीजें कही गईं, मैंने काफी कुछ सुना। कुछ चीजें जो कही गईं, उन्हें सुनकर मैं आश्चर्यचकित था। मुझे लगता है कि हमें संयम और विनम्रता बनाए रखना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट गुट के बागी विधायक भंवर लाल शर्मा ने जयपुर में सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की। मुलाकात के बाद भंवर लाल शर्मा ने कहा कि मैं उनसे मिला। पार्टी एक परिवार की तरह है और अशोक गहलोत इसके प्रमुख हैं। अगर कोई परिवार में परेशान हो जाता है तो वे भी चैन से भोजन नहीं करते हैं। इसलिए मैंने एक महीने तक नाखुशी जाहिर की। अब मुझे कोई नाराजगी नहीं है। पार्टी लोगों से किए सभी वादे पूरे करेगी।”
ऑडियो क्लिप के बारे में कुछ नहीं जानता
ऑडियो क्लिप में राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश के बारे में उन्होंने कहा कि मैं ऑडियो के बारे में कुछ नहीं जानता। मैं एक गजेंद्र सिंह को जानता हूं। मैं किसी शेखावत को नहीं जानता। ऐसा कोई ऑडियो नहीं है। ऑडियो झूठा था। मैं संजय जैन को नहीं जानता। कोई कैंप नहीं था, कोई भी बंदी नहीं था। भंवर लाल कभी भी बंदी नहीं हो सकता। मैं वहां स्वेच्छा से गया था, मैं स्वेच्छा से यहां आया हूं।
कभी-कभी जहर का घूंट पीना पड़ता है
पार्टी आलाकमान का रुख देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने खेमे के विधायकों से कहा कि राजनीति में कभी-कभी जहर का घूंट पीना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई बार दिल पर पत्थर रखकर फैसले करने पड़ते हैं । सोमवार को जैसलमेर से जयपुर रवाना होने से पहले गहलोत ने अपने विश्वस्त मंत्रियों व विधायकों के साथ विचार-विमर्श किया। इससे पहले रविवार शाम को हुई विधायकों की बैठक में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य विधायकों ने बागियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा था कि इन्हें अब कभी वापस नहीं लिया जाना चाहिए। इस पर गहलोत ने कहा कि हमें आलाकमान के फैसले का सम्मान करना है। आलाकमान जो भी फैसला करेगा, उसे हम मानेंगे।
गहलोत ने कहा कि राजनीति में कई बार नहीं चाहते हुए भी कई बातें माननी पड़ती हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गो¨वद ¨सह डोटासरा ने कहा कि बागियों को कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए वापस आना चाहिए । उधर, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा ने कहा कि बागी विधायक अगर फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस के पक्ष में वोट करते हैं तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा ।
ज्ञात हो कि सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने उन्हें दोबारा प्रदेश अध्यक्ष का पद देने की संभावनाओं से इनकार कर दिया। हालांकि उन्हें कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, पायलट की पिछले दो दिन में अहमद पटेल व केसी वेणुगोपाल से मुलाकात हो चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, आज राहुल गांधी सचिन पायलट से मिले। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा भी वहां मौजूद थीं। इस मुलाकात के दौरान पायलट ने उन सभी परिस्थितियों के बारे में समझाया, जिनके चलते उन्हें फैसला लेना पड़ा और बताया कि उन्होंने कांग्रेस के विरुद्ध कुछ भी नहीं किया है, वह सिर्फ गहलोत का विरोध कर रहे थे।