योगेश किसलय
हाँ तो मेहरबानो , कद्रदानों , नादानों ….. देखिए देखिए देखिए । बर्बादी का समंदर देखिए , दुश्मनों पर बवंडर देखिए , चीन का सरेंडर देखिए , पाकिस्तान का उभरा भगन्दर देखिए , राफेल ने पड़ोसियों को बना दिया चुकंदर देखिए । दुश्मनों की आबादी देखिए , जमीन पर उनकी बर्बादी देखिए , आसमान में दरदेसिताबी देखिए और पानी मे उनकी खाना खराबी देखिए ।
भारत के दस में आठ न्यूज़ चैनलों पर एंकर सह मदारी 24 -7 बन्दर नाच नचा रहे हैं । अपने इस खेल में वे बड़ी बड़ी मूंछो वाले फौजियों की एक फौज , तीन चार सर्वज्ञानी रिपोर्टर , और अब तो खूबसूरती का तड़का लगाने के लिए महिला विंग कमांडर की भीड़ बैठाए रहते हैं । फौजी और विंग कमांडर को रक्षा विशेषज्ञ बताया जाता है लेकिन इनसे भी जबर ज्ञानी दो या तीन रिपोर्टर जो कान में जनेऊ खोंसे खड़े रहते वो होते हैं । लेकिन इस समूह में सबसे बड़ा महाज्ञानी तो वह जमूरा एंकर होता है जिसे फिजिक्स भी पता है , संस्कृत का भी पंडित है , अर्थशास्त्री भी है और धुरंधर खिलाड़ी भी है , उसे राफेल की सभी तकनीक पता है।
वह यह भी बता सकता है धान की खेती में यूरिया से बढ़िया हाथी का गोबर क्यों होता है ? वह कवि वाचस्पति भी है और व्यापार में उतर गया तो अम्बानी भी । इन जमूरों का ग्रेडेशन का आधार है कि वे कितना चिल्लाते हैं , कितना ज्ञान बांटते हैं और दूसरों को बोलने कहकर बोलने नही देने की कलाकारी कितना कर पाते हैं । इनके पीछे कल्पनाकारियों की फौज होती है । राफेल नही सुदर्शन चक्र , राफेल नही ब्रह्मास्त्र या फिर पौराणिक अस्त्रों का नाम देकर ये अपनी काबिलियत साबित करते हैं। एक घण्टे के डिबेट काल मे ये चीन – पाकिस्तान को बर्बाद कर बीजिंग और इस्लामाबाद में तिरंगा लहरा देते हैं ।
