मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है और राज्य सरकार इस पर काबू पाने में पूरी तरह से असफल दिख रही है। ऐसे में राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने माँग की थी कि कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।
बीजेपी की इस माँग को लेकर मराठी समाचार आउटलेट, लोकसत्ता ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर एक ट्विटर पोल चलाया, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि महाराष्ट्र राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भाजपा की माँग उचित थी या नहीं। ट्विटर पोल में सवाल किया गया था, “क्या महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की भाजपा की माँग उचित है?” इसका जवाब ‘हाँ’ या नहीं में देना था।
हालाँकि, जब लोगों ने भाजपा की माँग के पक्ष में अधिकतर वोट दिया तो तुरंत ही लोकसत्ता ने ट्वीट को डिलीट कर दिया। 24 घंटे तक चलने वाला पोल महज 5 घंटों में ही डिलीट कर दिया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों ने महाराष्ट्र में महागठबंधन की सरकार को खारिज करते हुए राष्ट्रपति शासन के पक्ष में 51 प्रतिशत वोट डाले। 5 घंटे के भीतर ही 8000 से अधिक वोट डाले गए थे।
लोकसत्ता के हटाए गए पोल पर लोकप्रिय लेखिका शेफाली वैद्य ने गौर किया। लोकसत्ता द्वारा पोल डिलीट किए जाने के बाद शेफाली वैद्य ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के संबंध में देश में लोगों की वर्तमान मनोदशा को समझने के लिए अपने ट्विटर पेज पर वही पोल चलाया।
अब तक कुल 8,373 लोगों ने मतदान किया है, जिसमें से 85 प्रतिशत लोगों ने भाजपा के राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग के पक्ष में मतदान किया।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और भाजपा नेता नारायण राणे ने सोमवार (मई 25, 2020) को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर उनसे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की माँग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का कोई उपाय नहीं है।
राणे ने कहा ठाकरे सरकार कोरोना संकट को संभाल नहीं सकती है। इस सरकार के पास क्षमता नहीं है। यह सरकार कोरोना से निपटने में विफल रही है। इसलिए, यहाँ राष्ट्रपति शासन लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के जीवन को बचाने में सक्षम नहीं है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सरकार चलाने में सक्षम नहीं हैं। नारायण राणे ने कहा कि कोरोना राज्य में गहरा संकट पैदा कर रहा है।