इम्फाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है कि देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों से राज्य लौट रहे लोगों को अनिवार्य रूप से आइसोलेशन में रहना होगा. जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाएगा. मणिपुर को कोरोना वायरस मुक्त घोषित किए जाने के करीब एक महीने बाद ही यहां मरीजों की संख्या 25 हो गई है जिनका इलाज चल रहा है. सिंह ने कहा कि प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले लोगों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत सजा दी जाएगी.
उन्होंने कहा, “यह बहुत गंभीर मामला है. लौट रहे जो लोग प्रोटोकॉल का पालन नहीं करेंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और जेल भेज दिया जाएगा.”
उन्होंने कहा कि विदेशों और देश के अन्य राज्यों से लौट रहे जो लोग जांच रिपोर्ट आने के बाद संक्रमित नहीं पाए जाएंगे, उन्हें उनके घर में आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी प्राथमिकता इस बीमारी को सामुदायिक स्तर पर फैलने से रोकना है.” उन्होंने कहा कि जिन लोगों के लिए घर में आइसोलेशन में रहना संभव नहीं है, उन्हें आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा.”
सिंह ने लोगों से अपील की कि वे राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या में हाल में हुई बढ़ोतरी से घबराए नहीं. राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित 25 लोगों का इस समय इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हालात काबू में करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
उन्होंने कहा कि सरकारी ‘रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, इम्फाल’ (आरआईएमएस) और जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जेएनआईएमस) अस्पतालों की प्रयोगशालाओं में हर रोज 200 से 300 नमूनों की जांच की जा रही है और रोजाना 700 से 800 नमूने एकत्र किए जा रहे हैं.
मणिपुर में शुरुआत में संक्रमित पाए गए दो लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो गए थे. इसके बाद सिंह ने 19 अप्रैल को राज्य को कोरोना वायरस से मुक्त घोषित किया था. देशभर में 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण देश के अन्य हिस्सों में फंसे मणिपुर के लोगों ने राज्य सरकार से अपील की थी कि उन्हें घर लौटने की अनुमति दी जाए. सरकार ने इसकी अनुमति देते हुए ई-पास की व्यवस्था की और फंसे लोगों को लाने के लिए बस और ट्रेन का प्रबंध किया. इसके बाद राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 27 हो गई. इनमें से दो लोग स्वस्थ हो चुके हैं.