अमेरिका ने अल-कायदा आतंकवादी मोहम्मद इब्राहिम जुबेर को भारत को सौंप दिया है।सौंपें जाने के बाद उसे 19 मई को विशेष विमान से भारत लाया गया। इस बात की जानकारी आज (मई 21, 2020) मीडिया में आई।
फिलहाल, इब्राहिम जुबेर को पंजाब के अमृतसर स्थित एक क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। वहाँ भारतीय सुरक्षा अधिकारी उससे लगातार पूछताछ कर रहे हैं।
40 वर्षीय हैदराबाद निवासी जुबेर पर अल-कायदा की फाइनेंसिंग का काम देखने का आरोप है। उसे अमेरिकी अदालत में आतंकवादी घटनाओं में दोषी पाया गया था। इसके बाद अमेरिका में उसे सजा दी गई। सजा पूरी होने के बाद अमेरिका ने उसे भारत को सौंप दिया।
जानकारी के मुताबिक जुबेर ने हैदराबाद से ही पढ़ाई की। बाद में वह साल 2001 से 2005 तक इलिनॉयस अर्बन-शैंपेन (Illinois Urbana-Champaign) में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद वह ओहायो चला गया। साल 2006 में उसने एक अमेरिकी लड़की से शादी कर वहाँ की नागरिकता भी हासिल कर ली।
बाद में वह आतंकी संगठन अल-कायदा में शामिल हुआ और संगठन के खूंखार आतंकवादी अल अवलाकी का सहायक बन गया। अवलाकी के बारे में मौजूद जानकारी के अनुसार उसका पूरा नाम अनवर नसीर अल अवलाकी था, जो यमन मूल का अमेरिकी नागरिक था।
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक अवलाकी अल-कायदा में आतंकवादियों की भर्ती की जिम्मेदारी सँभालता था। वह आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में माहिर था। इसके कारण साल 2011 में यूएस ड्रोन से उसे मार गिराया गया था।
NDTV के हिसाब से जुबेर था Indian Engineer
मोहम्मद इब्राहिम जुबेर को साल 2018 में अमेरिका के ओहायो राज्य में अलकायदा के शीर्ष आतंकी को धन मुहैया कराने का दोषी पाया गया था। इसके बाद भारत में सेकुलर मीडिया के जाने-माने नाम एनडीटीवी समेत कई वामपंथी मीडिया पोर्टलों ने मोहम्मद जुबेर के नाम पर भारत को बदनाम करने की कोशिश की थी।
NDTV समेत कई मीडिया पोर्टल्स ने इस खबर को कवर करते हुए जुबेर की पहचान एक भारतीय इंजीनियर के रूप में बताई थी और हेडलाइन में भी उसके आतंकी होने के बावजूद Indian Engineer शब्द का प्रयोग किया था।