नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन का बढ़ना तय है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, देश के 30 जिलों में सख्त लॉकडाउन जारी रह सकता है. ये वो इलाके हैं जहां कोरोना ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई, औरंगाबाद, पुणे, पालघर, सोलापुर, नासिक और ठाणे में लॉकडाउन की सख्ती जारी रहेगी.
वहीं, तमिलनाडु की बात करें तो यहां के कुड्डालोर, चेंगलपट्टू, अरियालुर, विल्लुपुरम, तिरुवल्लूर और ग्रेटर चेन्नई जिलों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन होगा. इसके अलावा गुजरात के अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत में सख्त लॉकडाउन जारी रहेगा. देश की राजधानी दिल्ली को भी इसी श्रेणी में रखा गया है, जिसके बाद ये तय है कि यहां पर छूट मिलने की संभावना कम है.
मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर, जबकि पश्चिम बंगाल में हावड़ा और कोलकाता में भी सख्ती से लॉकडाउन का पालन किया जाएगा. बीते कुछ दिनों में राजस्थान में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ें हैं. यहां जयपुर, जोधपुर, उदयपुर में सख्त लॉकडाउन जारी रहेगा. उत्तर प्रदेश में आगरा और मेरठ, आंध्र प्रदेश के कुरनुल, तेलंगाना के ग्रेटर हैदराबाद, पंजाब के अमृतसर और ओडिशा के बेरहमपुर में सख्त लॉकडाउन जारी रहेगा.
बता दें कि आज दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह, गृह सचिव और पीएमओ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लॉकडाऊन-4 के दिशा-निर्देंशों पर 2 घंटे से ज्यादा देर तक बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्रियों की तरफ से आए सुझावों पर भी चर्चा हुई. बैठक में लॉकडाउन-4 का मसौदा फाइनल हुआ. कल देर रात तक अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से मिले सुझावों पर विचार के बाद दिशा निर्देशों का खाका तैयार किया था, जिसपर पीएम के साथ आज की बैठक में चर्चा हुई.
लॉकडाउन 3.0 की मियाद 17 मई को खत्म हो रही है. पीएम मोदी ने हाल ही में देश के नाम अपने संबोधन में साफ कर दिया था कि लॉकडाउन देश में लागू रहेगा, लेकिन ये कब तक रहेगा ये साफ नहीं था. मिली जानकारी के मुताबकि, सरकार लॉकडाउन को दो हफ्ते के लिए और बढ़ा सकती है. ये 31 मई तक लागू रहेगा. लॉकडाउन में क्या रियायतें मिलेंगी इसकी जानकारी सरकार रविवार को जारी कर सकती है.
लॉकडाउन के चौथे चरण में ऑटो, बस और कैब सर्विस को इजाजत मिल सकती है. हालांकि, कटेनमेंट जोन में इन पर पाबंदी जारी रहेगी. वहीं, रेड जोन को फिर परिभाषित किया जाएगा. ई-कॉमर्स वेबसाइट को गैर जरूरी सामानों की सप्लाई करने की अनुमति मिल सकती है. अब तक जहां ऑफिस और फैक्ट्रियों में 33 फीसदी कर्मचारियों को ही काम करने की इजाजत थी, इसे बढ़ाकर 50 फीसदी किया जा सकता है.