नई दिल्ली। केरल के लॉकडाउन के दौरान नियमों में ढील देने के फैसले पर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई है. इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू किए लॉकडाउन के नियमोंं का सख्ती से पालन करें और उनमें किसी भी स्तर पर ढील न दें. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से कहा कि कुछ राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश उन गतिविधियों की अनुमति दे रहे हैं जिनकी आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इजाजत नहीं दी गई है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे पुन: अपील करूंगा कि संशोधित समेकित दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए. सभी संबंधित प्राधिकारी इनमें ढील दिए बिना शब्दश: इनका सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें और बंद के नियमों के सख्ती से अनुपालन को सुनिश्चित किया जाए.’’
केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों और राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के लिए समेकित संशोधित दिशा-निर्देश 15 अप्रैल को जारी किए गए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंद की अवधि तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी जिसके बाद ये दिशा-निर्देश जारी किए गए.
इससे पहले बंद लागू रहने की अवधि 25 मार्च से 14 अप्रैल थी. गृह मंत्रालय ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए देश के सभी हिस्सों में दिशा-निर्देशों का सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है. गृह सचिव ने उन दिशा-निर्देशों पर मुख्य सचिवों का ध्यान आकर्षित किया जिनमें कहा गया है कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश किसी भी तरीके से इनमें ढील नहीं देंगे और इन्हें सख्ती से लागू करेंगे.
हालांकि वे स्थानीय क्षेत्रों की आवश्यकतानुसार दिशा-निर्देशों से भी कड़े नियम लागू कर सकते हैं. भल्ला ने सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि सभी राज्य सरकारें, सरकारी प्राधिकारी एवं नागरिक जन स्वास्थ्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों का शब्दश: पालन करें.
केरल सरकार ने दी सफाई
इस बीच केरल सरकार ने कहा है कि कहीं कुछ ‘गलतफहमी’ हुई है जिसके कारण केन्द्र ने लॉकडाउन के नियमों में ढील पर आपत्ति जताई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शहरों में रेस्तरां खोलने, बस यात्रा की अनुमति देने और निगम के इलाकों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योगों को खोलने के केरल सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि यह लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों को हल्का करने के बराबर है.
गृह मंत्रालय ने केरल सरकार को लिखे पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने 17 अप्रैल को बंद संबंधी उपायों के लिए संशोधित निर्देशों को प्रसारित किया जिसमें उन गतिविधियों की इजाजत दी गई जो केंद्र द्वारा 15 अप्रैल को जारी संगठित संशोधित निर्देशों के तहत प्रतिबंधित हैं. राज्य के पर्यटन मंत्री कदमपल्ली सुरेन्द्रन ने बंद के दिशानिर्देशों में ढील के आरोपों से इनकार किया.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘‘ हमने केन्द्र के दिशानिर्देशों के अनुरूप ही ढील दी है. मुझे लगता है कि कहीं कुछ गलतफहमी है जिसके कारण केन्द्र ने स्पष्टीकरण देने को कहा है. एक बार हम जवाब दे दें तो फिर सब ठीक हो जाएगा. महामारी से लड़ने के संबंध में केंद्र और राज्य का रुख एक समान है. जो कदम उठाए गए हैं उनमें कोई विरोधाभास नहीं है. यह सिर्फ एक गलतफहमी है और हम इसे दूर कर देंगे.’’
उन्होंने कहा कि बंद और नियमों में ढील राज्य और देश के लिए नई बात है और राज्य सरकार, जो भी भ्रम हैं उन्हें कुछ घंटों में दूर कर देगी.
केरल सरकार ने जिन अतिरिक्त गतिविधियों को अनुमति दी है उनमें स्थानीय कार्यशालाओं, हज्जाम की दुकान, रेस्तरां, पुस्तक भंडार, नगर निकाय के तहत आने वाले एमएसएमएई, शहरों एवं कस्बों में थोड़ी दूरी की बस यात्रा, चार पहिया वाहन की पिछली सीट पर दो यात्रियों और स्कूटर पर पिछली सीट पर बैठकर यात्रा करना शामिल है.
राज्य सरकार की ओर से नियमों में ढील देने के बाद सोमवार को सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर निकल आए. गृह मंत्रालय ने कहा कि यह गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों को हल्का करना और आपदा प्रबंधन कानून के तहत 15 अप्रैल को जारी उसके आदेश का उल्लंघन करना है.
केरल सरकार ने दो क्षेत्रों में कोविड-19 के संबंध में लागू बंद की पाबंदियों में ढील देने की घोषणा की है जिसके तहत सोमवार से सम-विषम आधार पर निजी वाहनों समेत अन्य को तथा होटलों में बैठकर खाना खाने की सेवा शुरू करने की अनुमति दी गई है.