लखनऊ में और कड़े हुए प्रतिबंध, सार्वजनिक स्थल पर थूकने पर 5 हजार रुपये का जुर्माना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना के संक्रमण के चलते आज सोमवार से दी जाने वाली सभी तरह की ढील पर रोक लगा दी गई है. सरकार ने यह फैसला लखनऊ में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की स्थिति को देखते हुए लिया है.

यूपी सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि कोरोना संक्रमित या उससे मिलते-जुलते लक्षण वाले मरीजों का इलाज अब कोई भी निजी अस्पताल नहीं कर सकेगा.

उत्तर प्रदेश में रविवार को 125 नए मामले सामने आए. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में कोरोना के मरीजों की तादाद 1100 पहुंच चुकी है. इस बीच लखनऊ समेत गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में लॉकडाउन पूरी तरह से जारी रखने का फैसला लिया गया है. लखनऊ में कई हॉटस्पॉट बन गए हैं. स्थानीय प्रशासन यहां किसी भी तरह की ढील नहीं देगा.

सूचित करेंगे निजी अस्पताल

निर्देशों के मुताबिक अगर कोई ऐसा मरीज किसी प्राइवेट अस्पताल में आता है तो तत्काल इसकी सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सरकारी अस्पताल को देनी होगी. निजी अस्पताल की जिम्मेदारी यह भी होगी कि वह मरीज को सरकारी अस्पताल तक भर्ती कराने के लिए ले जाए.

इसके अलावा सरकार की तरफ से कई और फैसले लिए गए हैं. सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर 5000 रुपये का जुर्माना तय किया गया है.

हॉटस्पॉट्स का दायरा बढ़ा

लखनऊ में हॉटस्पॉट्स के 5 किलोमीटर की परिधि में लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण और सैनिटाइजेशन कराने के भी निर्देश दिए गए हैं. अभी तक यह सैनिटाइजेशन हॉटस्पॉट के अधिकतम 1 किलोमीटर के दायरे में हो रहा था.

बिना मास्क लगाए घर से बाहर निकलने पर भी जुर्माना देना होगा. यहां तक सड़कों, गलियों और सार्वजनिक स्थलों पर पान-मसाला गुटखा खाकर थूकना पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया गया है.

अब प्रशासन तमाम इलाकों के गलियों और मोहल्लों में लॉकडाउन के पालन के लिए लाउडस्पीकर से घोषणा करने का काम भी करने जा रही है, जिससे कि लोग अपने घरों से बाहर मोहल्ले की गलियों और चौकों पर इकट्ठे ना हों.

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